फेल हुई कूड़ा कलेक्शन योजना, जगह-जगह गंदगी के ढ़ेर
जागरण संवाददाता बांदा शहर को स्वच्छ बनाने के लिए करीब एक वर्ष पूर्व नगर पालिका के द्वारा कू
जागरण संवाददाता, बांदा: शहर को स्वच्छ बनाने के लिए करीब एक वर्ष पूर्व नगर पालिका के द्वारा कूड़ा कलेक्शन योजना बनाई गई। उद्देश्य लोगों के घरों का कूड़ा उनके घर से ही लिया जाए। ताकि सड़क पर किसी भी प्रकार की गंदगी न हो। मगर बांदा जनपद में ये व्यवस्था पूरी तरह धराशायी हो गई। ऐसी कोई भी गली या चौराहा नहीं जहां कूड़े के ढ़ेर न देखे जा सकते हों। गंदगी का आलम ये है कि स्वच्छ भारत अभियान की रैंकिंग में जहां पिछले साल 49 वां स्थान था वहीं इस वर्ष 183 वें स्थान पर आ गया। बावजूद इसके न तो कूड़ा उठाने वाली कंपनी इसको लेकर गंभीर है और नहीं नगर पालिका प्रशासन। बल्कि संबंधित कंपनी को प्रतिमाह की दर से ढ़ाई से तीन लाख का भुगतान किया जा रहा है।
------------------------
शुरुआत में दिखाई तेजी अब पुराने ढर्रे पर
नगर को स्वच्छ रखने के लिए पालिका की ओर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने का ठेका जन कल्याण समीति को दिया गया था। तीन साल तक के लिए हुए करार में प्रतिवर्ष नगर पालिका को करीब 20 लाख का भुगतान करना था। पालिका की ओर से भुगतान को बराबर किया जा रहा लेकिन ठेकेदार नगर का कूड़ा उठाने में लापरवाही बरत रहे हैं। हालात ये हैं कि अधिकांश वार्डों में गंदगी के ढ़ेर लग गए हैं। पालिका द्वारा डस्टबिन हटा दिए जाने से लोग घरों का कूड़ा सड़क पर फेंक रहे हैं।
--------------------
सप्ताह में एक या दो बार ही आती है गाड़ी
देव नगर निवासी कामता प्रसाद का कहना है कि कूड़े डालने के लिए रखे गए डस्टबिन हटा दिए गए हैं। जो गाड़ी कूड़ा लेने आती है वह भी सप्ताह में एक या दो बार ही। ऐसे में कूड़ा मजबूरी में सड़क पर फेंका जाता है। जब घर-घर कूड़ा का उठान संभव नहीं था तो डस्टबिन क्यों हटा दिये है।
--------------------
नगर पालिका ने शहर को स्वच्छ रखने के लिए डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन अभियान चलाया हुआ है, इसमे जो भी कमियां आ रही हैं उनका जल्द ही निस्तारण किया जाएगा। अगर ठेकेदार कूड़ा नहीं उठा रहा तो उस पर कार्रवाई भी होगी।
-मोहन साहू, नगर पालिका अध्यक्ष