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पांच वर्षों का टूटा रिकार्ड, 40 डिग्री तक रहा पारा

संवाद सहयोगी अतर्रा मौसम ने इस वर्ष पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। मौसम विज्ञानी के

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 05:20 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:02 AM (IST)
पांच वर्षों का टूटा रिकार्ड, 40 डिग्री तक रहा पारा
पांच वर्षों का टूटा रिकार्ड, 40 डिग्री तक रहा पारा

संवाद सहयोगी, अतर्रा : मौसम ने इस वर्ष पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। मौसम विज्ञानी के मुताबिक बुंदेलखंड में अक्टूबर माह में इतना ज्यादा पारा कभी नहीं रहा। ठंड के दिनों में गर्मी का एहसास हो रहा है। तेज धूप के तेवर से बुंदेली बेहाल हो रहे हैं। वहीं इसका सीधा प्रभाव मौसमी सब्जियों के आवक पर पड़ रहा है। बाजार में इन दिनों में देसी टमाटर से लेकर मूली, हरी मटर, सिघाड़े आदि की भरमार हो जाती थी, लेकिन गर्मी के कारण यह सब बाजार से गायब हैं।

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कोरोना महामारी झेल रहे लोगों के लिए इस वर्ष मौसम की मार भी झेलनी पड़ रही है। पिछले वर्ष अक्टूबर माह लगते ही सूर्य की किरणें तीखापन छोड़ ठंड के आवरण में ढ़कनी शुरू हो गई थी। वही इस वर्ष गर्मी जैसी ही तेजी बनी हुई है।पिछले पांच वर्षों का आंकड़ा देखा जाए तो इस वर्ष ठंड के आसार अभी एक हफ्ते तक दिखाई नही पड़ रहे हैं।गर्मी के इन तख्त तेवरों के चलते आम जनजीवन के साथ ही इस मौसम में आने वाली सब्जियों व फलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से उनमें गुणवत्ता विहीन होने के बावजूद दाम भी आसमान छू रहे हैं।ठंड न पड़ने की वजह से क्षेत्र में बोई जाने वाले मटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, सिघाड़ा, मूंगफली की पैदावार में देरी होने से अभी भी बाजार से गायब है। जो दूर दराज की मंडियों से दस-बीस फीसद आ भी रहे है तो उनमें स्वाद न होने के साथ ही गुणवत्ताविहीन है।बीते वर्षो में अक्टूबर माह में 40 रुपये में मिलने वाला फूलगोभी, पत्तागोभी 80रुपये प्रति किलो में बिक रहा हा। ऐसे ही मटर,मूंगफली, सिघाड़ा इस माह बाजार में भरपूर व कम दामों में उपलब्ध हो जाते थे। वह मात्र दस-बीस फीसद ही महंगे दामों में मिल रहे हैं।

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अक्टूबर माह में मौसम के आंकड़े

वर्ष अधिकतम न्यूनतम रात्रि में

2020 40-36 25

2019 37-33 20

2018 36-32 22

2017 38-34 24

2016 37-32 21

(उक्त आंकड़े कृषि विभाग द्वारा जारी)

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पिछले वर्ष अक्टूबर माह में बारिश होने के चलते ठंडक आ गई थी।इस वर्ष 23 अक्टूबर तक मौसम बदलने के आसार नहीं हैं।

-डॉ. दिनेश शाह, मौसम वैज्ञानिक

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अक्टूबर माह में क्षेत्र की मटर,गोभी सहित अन्य सब्जियां आनी प्रारंभ हो जाती थी,लेकिन इस वर्ष नागपुर,कानपुर से आने के चलते दो से ढाई गुना महंगे दामों में वृद्धि हो गई है।

-शिवम सोनी, फुटकर सब्जी विक्रेता

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मौसम की मार सब जगह पड़ रही है। दूर-दराज की मंडियों में भी मटर, फूलगोभी, पत्तागोभी सहित अन्य मौसमी सब्जियां मंहगे दामों में होने के चलते आपूर्ति मात्र दस-फीसद हो रही है।

रामलाल केसरवानी, थोक सब्जी व्यवसायी


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