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किसान भी लगा सकेंगे फ्रूट प्रोसेसिग यूनिट

जिले में बागवानी करने वाले किसानों की आय अब मल्टीपर्पज फ्रूट प्रोसेसिग मशीन से बढ़ेगी। ढाई लाख लागत की इस मशीन से किसान कई तरह के जूस और अन्य उत्पाद तैयार कर सकेंगे। उद्यान विभाग किसानों को इसमें एक लाख रुपये अनुदान दे रहा है। एक घंटे में मशीन 90 लीटर तक जूस निकालती है। इस मशीन के जरिए अब ब्लैक लहसुन आंवला रस आंवला कैंडी जैसे प्रोडेक्ट बाजार की शोभा बढ़ाएंगे। जनपद में आंवला अमरूद एलोवेरा तुलसी आम आदि के करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बाग हैं। लेकिन किसान इन बागों से मनमाफिक फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। सीजन में फल सस्ते बिकते हैं इससे उनकी अच्छी आय नहीं हो पाती है। अब मल्टीपर्पज फ्रूट प्रोसेसिग मशीन किसानों की यह समस्या दूर करेगी। 45 हजार से सवा लाख रुपये कीमत तक की

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 05:16 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:04 AM (IST)
किसान भी लगा सकेंगे फ्रूट प्रोसेसिग यूनिट
किसान भी लगा सकेंगे फ्रूट प्रोसेसिग यूनिट

जागरण संवाददाता, बांदा : बागवानी करने वाले किसान अब फ्रूट प्रोसेसिग यूनिट लगाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। मल्टीपर्पज फ्रूट प्रोसेसिग मशीन के लिए उद्यान विभाग एक लाख रुपये अनुदान दे रहा है। इस मशीन से किसान कई तरह के जूस और अन्य उत्पाद तैयार कर सकेंगे। एक घंटे में 90 लीटर तक जूस निकलता है, तो ब्लैक लहसुन, आंवला रस, आंवला कैंडी जैसे उत्पाद बनाए जा सकते हैं।

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जिले में करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आंवला, अमरूद, एलोवेरा, तुलसी, आम आदि के बाग हैं। सीजन में फल सस्ते बिकते हैं, इससे किसानों को अच्छी आय नहीं हो पाती है। अब मल्टीपर्पज फ्रूट प्रोसेसिग मशीन किसानों की यह समस्या दूर करेगी। 45 हजार से सवा लाख रुपये कीमत तक मशीनें हैं। मशीन एक है पर फायदे अनेक हैं। उद्यान विभाग ने बागवानी करने वाले किसानों के यहां इसे लगाने का निर्णय लिया है। प्लांट लगाने में करीब ढाई लाख रुपये खर्च आता है। मशीन लगाने में एक लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है। किसान इस मशीन के जरिए प्रोडेक्ट तैयार कर बाजार में सीधे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाएंगे। आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग में लाए जाने वाले ब्लैक लहसुन को इसी मशीन में ही एक विशेष तापमान में रखकर तैयार किया जाता है। यह बाजार में 2500 रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है। इसके अलावा आंवला जूस व कैंडी, आंवला आयल, एलोवेरा रस, तुलसी रस आदि की भी बाजार में बेहद मांग है।

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मल्टीपर्पज मशीन बागवानी करने वाले किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है। किसान इससे उत्पाद तैयार कर सकते हैं। पंजीकृत किसानों को मशीन की खरीद पर एक लाख रुपये तक अनुदान दिया जा रहा है।

-परवेज खान, जिला उद्यान अधिकारी

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सक्सेज स्टोरी :

विपिन की बगिया में खिल रही समृद्धि की फसल

बबेरू ब्लॉक के बड़ागांव निवासी प्रगतिशील किसान विपिन सिंह ने अपने बाग में मल्टीपर्पज फ्रूट प्रोसेसिग मशीन लगवाई है। उनके आंवला व आम के बाग हैं। वह बाग से फलों को सीधे बाजार में न बेचकर इनका रस, जूस व कैंडी तैयार कर रहे हैं। विपिन बताते हैं कि जो मशीन लगवाई है उसकी कीमत 1.30 लाख रुपये है। एक लाख रुपये उद्यान विभाग से अनुदान मिला है। इस मशीन के जरिए 115 प्रकार के उत्पाद आसानी से बना सकते हैं। आंवला रस, एलोवेरा रस, आंवला कैंडी सहित किसी भी फल का रस निकल आएगा। ब्लैक लहसुन भी बनवाते हैं। हल्दी व अदरक का तेल भी निकाल कर पैकिग करते हैं। यह उत्पाद बहुत महंगे बिकते हैं। इस तरह साल में चार से पांच लाख रुपये की आय हो रही है।


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