नहीं शुरू हुई डायलिसिस, मुश्किल में किडनी मरीज
(केस एक) मर्दन नाका निवासी 30 वर्षीय सुरेश की किडनी खराब हो चुकी हैं। उनका इलाज कानपुर
(केस एक)
मर्दन नाका निवासी 30 वर्षीय सुरेश की किडनी खराब हो चुकी हैं। उनका इलाज कानपुर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। सप्ताह में दो बार डायलिसिस होती है। जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की व्यवस्था होने पर परिवारीजन ने राहत की सांस ली थी कि अब इसके लिए दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा लेकिन अब भी यहां डायलिसिस शुरू नहीं हो पाई है। मरीजों को कभी झांसी तो कभी कानपुर दौड़ना पड़ रहा है।
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(केस दो)
शहर के शुकुल कुआं निवासी कैलाश को डेढ़ साल पहले किडनी की बीमारी हुई। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें डायलिसिस करानी पड़ेगी। उन्हें डायलिसिस के लिए कानपुर के एक निजी अस्पताल में जाना पड़ता है। जिला अस्पताल में डायलिसिस न होना उनके और परिवारीजन के लिए दुखदायी बना है।
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जागरण संवाददाता, बांदा : ये दो किडनी मरीज तो महज उदाहरण हैं, ऐसे न जाने कितने लोग हैं जिन्हें डायलिसिस के लिए दूसरे शहरों में भटकना पड़ रहा है। दरअसल जिला अस्पताल बांदा में करीब एक करोड़ रुपये की लागत से डायलिसिस यूनिट तो लगाई गई लेकिन बिन बिजली यह शोपीस से ज्यादा कुछ नहीं है। पिछले माह यूनिट शुरू होने के बाद करीब 20 मरीजों का पंजीकरण कराया गया लेकिन अब मरीजों और उनके परिवारीजन को रोजाना मायूस लौटना पड़ रहा है।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनारस की हैरिटेज कंपनी को डायलिसिस यूनिट की जिम्मेदारी दी गई थी। जिला अस्पताल में उक्त कंपनी ने डायलिसिस यूनिट स्थापित कराई। जनवरी में यूनिट शुरू हो गई। मशीन के संचालन में 100 केवीए बिजली की जरूरत थी जबकि जिला अस्पताल में सिर्फ डेढ़ सौ केवीए का ही ट्रांसफार्मर अभी लगा है जिससे पूरे अस्पताल की बिजली आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में मशीन का लोड बढ़ते ही ट्रांसफार्मर फुंक गया। इससे अस्पताल की विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई। जिला अस्पताल को तो महिला अस्पताल के ट्रांसफार्मर से बिजली मिली लेकिन डायलिसिस यूनिट चालू नहीं हो पाई। अब 500 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर लगने का इंतजार है, उसके बाद ही डायलिसिस यूनिट शुरू हो पाएगी और लोगों को राहत मिलेगी।
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''नया ट्रांसफार्मर लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही नया ट्रांसफार्मर लगवाया जाएगा। ट्रांसफार्मर लगने से डायलिसिस यूनिट संचालन में बिजली की समस्या नहीं होगी। अगले माह व्यवस्था सामान्य हो जाएगी। डॉ.किशोरी लाल सीएमएस, जिला अस्पताल बांदा