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बुंदेलखंड की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मिलेगी अब रफ्तार

जागरण संवाददाता बांदा केन-बेतवा

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 06:02 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 06:02 PM (IST)
बुंदेलखंड की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मिलेगी अब रफ्तार
बुंदेलखंड की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मिलेगी अब रफ्तार

बुंदेलखंड की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मिलेगी अब रफ्तार

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जागरण संवाददाता, बांदा : केन-बेतवा लिंक परियोजना को अब जल्द ही रफ्तार मिलेगी। दिल्ली से आई दस सदस्यीय टीम ने यहां बुंदेलखंड के 13 जिलों में तीन दिन सर्वे किया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। रिपोर्ट तैयार कर अब केंद्र सरकार को दी जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक दो दशक से लंबित परियोजना पर अब जल्द कार्य शुरू हो सकेगा।

बुंदेलखंड में सिंचाई और पेयजल समस्या को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना के जरिए बुंदेलखंड की दो बड़ी नदी केन एवं बेतवा को आपस में जोड़कर बारिश के पानी को बर्बाद होने से रोका जाएगा, ताकि बारिश के पानी का संग्रहण और सही उपयोग हो और प्यासा बुंदेलखंड हरियाली से भरा क्षेत्र बने। पहले शुरुआती दौर में यह परियोजना यूपी और एमपी में जमीन के विवाद में उलझी रही। कई दौर की बैठक के बाद मामला निपटा तो पिछले वर्ष फरवरी में केंद्र सरकार ने परियोजना के लिए 44 हजार 605 करोड़ रुपये बजट में मंजूर किए। इसके बाद परियोजना के अमलीजामा पहनाने की पूरी संभावना बन गई। अब इसे धरातल पर उतारने के उद्देश्य से तेजी से काम किया जा रहा है। बुंदेलखंड के 13 जिले इस परियोजना से जुड़े हैं। दिल्ली से राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण (केंद्रीय जल आयोग), केंद्रीय मृदा एवं पदार्थ अनुसंधान केंद्र व जिला लाजिकल सर्वे आफ इंडिया की सात सदस्यीय टीम ने दो दिन पूर्व बुंदेलखंड में सर्वे के लिए डेरा डाला। यहां 18, 19 व 20 मई को मध्य प्रदेश के नौ जिले पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन और उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर में टीमों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर सर्वेक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की। बांदा जनपद में केन नदी में दो बैराज बनाए जाने हैं, इसके लिए मौके का जायजा लिया। साथ ही मध्य प्रदेश के दोधन बांध को भी देखा। इसके अलावा नहरों के रिमाडलिंग का भी काम होना है। टीम में आए अधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं के साथ बैठक की और परियोजना को लेकर चर्चा की। राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण के डायरेक्टर जनरल एवं केंद्रीय बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण के सीईओ भोपाल सिंह ने प्रशासनिक कामकाज के बंटवारे की रूपरेखा निर्धारित की जा रही है। सर्वेक्षण रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी जाएगी। इसके बाद आगे कार्य के लिए निर्णय लिया जाएगा।

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ये है परियोजना

बांदा : केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के तहत ढोढन (पन्ना) में डैम बनाकर केन के पानी को रोका जाएगा। यहां से 220.624 किलोमीटर की नहर बनाकर केन का पानी बरुआसागर (झांसी) से निकली बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा। इसमें दो किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनाई जाएगी।

केन नदी का पानी बेतवा नदी में ट्रांसफर किया जाएगा। दोनों नदियों को जोड़ने के लिए 220.624 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर बनाई जाएगी। बुंदेलखंड क्षेत्र के बांदा सहित 13 जिलों के 62 लाख लोगों को इस परियोजना से बेहतर पेयजल आपूर्ति होगी। दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी।

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-केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत बांदा स्थित केन नदी में मरौली और पैलानी गांव में बैराज बनाए जाने हैं। इसके लिए केंद्रीय टीम ने यहां स्थलीय निरीक्षण किया है। निरीक्षण के बाद टीम दिल्ली रवाना हो गई है।

-श्यामजी चौबे, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग


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