बांदा में लाल सोने की काली कमाई कभी भी दिखा सकती बड़ा खेल
जागरण संवाददाता बांदा जिले में मौरंग का अवैध खनन और ओवरलोडिग का खेल किसी से छिपा नही
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले में मौरंग का अवैध खनन और ओवरलोडिग का खेल किसी से छिपा नहीं है। पर्दे के पीछे करीब हर खदान में कोई न कोई खादीधारी किसी न किसी प्रकार से जुड़ा है। ग्रामीण इलाकों में जबरिया रास्ता निकालने का मामला हो या फिर खेत को तालाब बनाने का, दबंगई चरम पर है। नेताओं के बीच की जंग तब उजागर होती है, जब विरोधी के घाट पर कोई घटना प्रकाश में आती है। लाल सोने की काली कमाई में आकंठ डूबे ऐसे नेताओं के सामने गरीब किसान की आवाज नक्कार खाने में तूती जैसी ही साबित होती है। चर्चा है कि कभी भी मौरंग के खेल में बड़ी घटना प्रकाश में आ सकती है। इधर, पथरी खदान पर मजदूर की मौत की पीएम रिपोर्ट भले ही हार्टअटैक की आई पर शतरंज की बिसात पर पैंतरेबाजी जारी है।
कुछ दिन पहले की बात है, साड़ी खदान के गुर्गों ने घाट के पास एक ढाबा संचालक की पत्नी से अभद्र व्यवहार किया। जबरिया गाड़ी में बैठाने की कोशिश की और फायरिग कर दहशत फैलाई थी। हालांकि थैली की खनक व रसूख के जोर के बीच सड़क पर उतरे ग्रामीणों की आवाज दबा दी गई थी। इधर, पथरी खदान में मजदूर की मौत के बाद फिर मामला गर्माया और नेताओं के बीच की पालाबंदी भी साफ नजर आई। स्वजन ने हत्या का आरोप लगाया तो खदान संचालक ने पूर्व में दर्ज कराए गए मुकदमे का हवाला देकर साजिश किए जाने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक समेत उनके भतीजे और भांजे के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्टअटैक आई। हालांकि अभी भी इस मामले के तूल पकड़ने की संभावना जताई जा रही है।