विदाई से पहले जमकर बरसे मेघ, धरती हुई पानी-पानी
जागरण संवाददाता बांदा बुंदेलखंड में अमूमन मानसूनी बारिश 20 सितंबर तक पानी जाती है। जाते-ज
जागरण संवाददाता, बांदा : बुंदेलखंड में अमूमन मानसूनी बारिश 20 सितंबर तक पानी जाती है। जाते-जाते विदाई की बेला में मेघ जमकर बरसे। पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। 26 मिलीमीटर बारिश से धरती पानी-पानी हो गई। इससे तेज धूप में झुलस रही खरीफ की फसलों को संजीवनी मिल गई।
जिले में भले ही बांधों का पेट खाली हो, पर इस वर्ष मेघों ने समय-समय पर बारिश कर फसलों के लिए संजीवनी दे दी है। हालांकि अगस्त में ज्यादा बारिश से किसानों की तिल की फसल खराब हो गई थी, पर अब अरहर, मूंग, धान, ज्वार आदि की फसलें लहलहा रही हैं। पिछले वर्ष सितंबर में जहां 106 मिली मीटर बारिश हुई थी, वहीं इस वर्ष 116 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जिले में 900 मिलीमीटर का औसत आंकड़ा भी करीब है। अब तक 762 मिमी बारिश हो चुकी है। वहीं मंगलवार से मेघ लगातार बारिश कर रहे हैं। रात में जहां लगातार रिमझिम तो कभी तेज बारिश हुई, वहीं बुधवार को सुबह से रिमझिम फुहारें गिरती रहीं। हालांकि दोपहर में करीब दो घंटे तक बारिश बंद रही, पर आसमान में काले घने बादल छाए रहे। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार को केन में 1.8 और चिल्ला की यमुना नदी में 24 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। यानी जिले में औसतन 26 मिलीमीटर बारिश हुई है। शहर में रिमिझम बारिश होती रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में मूसलाधार बारिश से सब जगह पानी-पानी हो गया। इससे खरीफ की फसलों को संजीवनी मिली है।
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दलहनी फसलों में न हो जलभराव
बांदा : जिला कृषि अधिकारी डॉ.प्रमोद कुमार कहते हैं कि यह बारिश फसलों के लिए वरदान से कम नहीं हैं। बशर्ते किसानों को सावधानी भी बरतनी होगी। खासकर दलहनी फसलों के लिए। अरहर, मूंग आदि में जलभराव न होने पाए। किसान मेड़ काटकर पानी जरूर निकाल दें।
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कीचड़ से सराबोर हुआ शहर
बांदा : लगातार बारिश ने भले ही शहरवासियों को उमस भरी गर्मी से राहत दी हो, पर जगह-जगह कीचड़ हो जाने से लोगों को दुश्वारियां भी झेलनी पड़ रही हैं। स्वाराज कालोनी, कालूकुआं, सर्वोदय नगर, झील का पुरवा, अलीगंज, कुशवाहा नगर आदि इलाकों में गलियों में पड़ा कूड़ा और बारिश के बाद कीचड़-कीचड़ हो गया है। लोगों को रास्ते में निकलने में दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं।