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अमृत की बरसे बदरिया, अंबे मां की दुअरिया

जागरण संवाददाता बांदा शारदीय नवरात्र की षष्टमी पर गुरुवार को भक्तों ने मां कत्यायनी की आ

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 11:42 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 11:42 PM (IST)
अमृत की बरसे बदरिया, अंबे मां की दुअरिया
अमृत की बरसे बदरिया, अंबे मां की दुअरिया

जागरण संवाददाता, बांदा : शारदीय नवरात्र की षष्टमी पर गुरुवार को भक्तों ने मां कत्यायनी की आराधना व पूजा अर्चना की। मंदिरों व देवी पंडालों में गूंज रहे 'अमृत की बरसे बदरिया, अंबे मां की दुअरिया' जैसे गीतों से भक्तों का उत्साह बढ़ता रहा। मंदिरों व पंडालों में आकर्षण बढ़ने के साथ भक्तों की भीड़ में भी इजाफा हो रहा है। श्रद्धालु मास्क व सैनिटाइजर के साथ माता के दर्शन कर मन्नतें मांग रहे हैं। नौ दिन व्रत रखने वाली महिलाएं माता के जगराता का कार्यक्रम कर रही हैं।

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शारदीय नवरात्र पर जिला मुख्यालय में पिछले वर्ष करीब 300 देवी पंडालों और ग्रामीण इलाकों में 700 पंडालों की स्थापना हुई थी। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते देवी पंडालों की संख्या कम जरूर है, पर भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं है। शहर के अलीगंज स्थित काली देवी मंदिर, महेश्वरी देवी मंदिर, मां सिंहवाहिनी मंदिर कटरा और खाईंपार स्थित अति प्राचीन चौसठ जोगिनी मंदिर को रंग बिरंगी विद्युत झालरों और फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मां अंबे की अछ्वुत छठा देखने को भक्तों में बेताबी देखी जा रही है। गुरुवार को नवरात्र की षष्टमी पर भक्तों ने मां कात्यायनी के स्वरूप की आराधना व पूजा कर खुशहाली की कामना की। मान्यता है कि कात्यायनी देवी ने महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। इनके ध्यान व पूजन से सांसारिक कष्टों और भय से मुक्ति मिलती है। इसी आस्था के साथ पूरे दिन भक्तों का मंदिर जाकर दर्शन करने का सिलसिला चलता रहा। शाम होते ही देवी पंडाल जगमगा उठे। यहां देवी भक्ति गीतों की गूंज से भक्त उत्साहित होते रहे। कचहरी स्थित क्रासिग के पास युवा समिति की ओर से सजाए गए देवी पंडाल में मां अंबे की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र है। अलीगंज स्थित काली देवी मंदिर के निकट काली देवी युवा समाज की ओर से सजाई गई देवी प्रतिमा अब बेहद आकर्षक हो गई है। यहां शाम से भक्तों के दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाता है। रात में खप्पर आरती में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। व्यापारी व समाजसेवी पंडालों में हलुवा-पूड़ी व लड्डू का प्रसाद वितरित करा रहे हैं। दिन में कन्या भोज के आयोजन हो रहे हैं।

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विध्यवासिनी में भक्तों ने किए दर्शन

गिरवां : खत्री पहाड़ स्थित सिद्धदात्री मां विध्यवासिनी मंदिर में शारदीय नवरात्र के छठे दिन सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ी। ऊंचे पहाड़ की चोटी पर विराजमान मां विध्यवासिनी के दर्शन को भक्तों में होड़ रही। यहां महिलाओं ने बच्चों का मुंडन संस्कार कराकर उनके खुशहाली की कामना की। साथ ही नीचे देवी मंदिर में भक्तों ने कन्या भोज व भंडारा कराया।

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नियमों की सख्ती से सन्नाटा

बदौसा : कस्बे में अब तक शारदीय नवरात्र में जहां लगभग 50 मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित होती रही हैं, वहीं इस वर्ष कोरोना संक्रमण काल के चलते लोगों को शारदीय नवरात्रि की भव्यता का एहसास ही नहीं हो पा रहा है। कस्बे के देवी मंदिर में सुबह-शाम देवी दर्शन व पूजा-अर्चना के लिए महिलाओं की भारी भीड़ जुट रही है। नवरात्र के छह दिन गुजरने के बाद पंडाल में देवी दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का टोटा है।


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