हर स्तर पर लापरवाही का आरोप, गुस्सा सातवें आसमान पर
पर कार्रवाई क्या हुई यह सवाल
हर स्तर पर लापरवाही का आरोप, गुस्सा सातवें आसमान पर
जागरण संवाददाता, बांदा : यमुना नदी में नाव पलटने के हुए त्रासद हादसे में अपनों को खोने वालों के साथ आमजन भी हर स्तर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। रेस्क्यू आपरेशन चलाने वाली टीम के हर चक्कर खाली लौटने पर मन का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचता रहा। रात में लौटे अधिकारी दोपहर बाद नजर आए। मंत्रियों पहुंचने पर यह फूट गया। एक सुर से आवाज उठी, केवल खानापूरी हो रही है। रेस्क्यू टीमें केवल नदी में चक्कर लगाकर लौट रही हैं। गोताखोर नहीं है, पानी के नीचे खोज नहीं हो रही है। हमको रुपये नहीं, अपने चाहिए। सुबह से केवल पुलिस के कुछ अधिकारी ही दिख रहे हैं। आखिर हम तलाश के नाम पर खाली चक्कर ही देख रहे हैं।
अपनों को खोने का गम और घंटों बाद भी कुछ पता नहीं चलने का गम अधिकारियों की नामौजूदगी बढ़ाती रही। रात में लौटे अधिकारी दोपहर बाद तब आए, जब मंत्रियों के आना था। सुबह से गायब अधिकारियों के प्रति घाट किनारे जमा सैकड़ों लोगों का गुस्सा बढ़ता गया। मंत्रियों के सामने जमकर खरी खोटी सुनाई। हर जुबां केवल इतने लोगों की जलसमाधि के लिए प्रशासन को दोषी करार दे रही थी। मरका के अमर सिंह, ओमप्रकाश, मोहित और भोले पंडित जैसे कई युवा बहुत गुस्से में रहे। बोले, घटना के बाद फोन करने पर आधा घंटा बाद प्रशासन पहुंचा। थाना पुलिस ने बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। तब तक लोग डूब चुके थे। डीआइजी, एसपी, सीओ आए और कोई मदद नहीं मिली। गांव वालों की मदद से जरूर कुछ लोग बच गए।
रात में लाइट लगाई और लौट गए घर : लोगों का आरोप था कि गुरुवार देर शाम साढ़े सात बजे घाट किनारे लाइट लगवा दी गई। नौ बजे तक तलाश का नाटक किया गया। साढ़े नौ बजे वर्षा का हवाला देकर फर्ज अदायगी करने वाले चले गए।
सुबह साढ़े सात बजे शुरू की तलाश : रामसुमेर और प्रकाश ने दबे गुस्से को बाहर निकाला। बोले, प्रकाश होने के साथ तलाश की बात कहने वाले सुबह से नजर नहीं आए। पुलिस के सीओ पहुंचे और साढ़े सात बजे से तलाश शुरू की गई। नदी के पानी में केवल नाव घुमाई जा रही है। मंत्री तो आ रहे हैं, पर कार्रवाई क्या हुई, यह सवाल शिद्दत से उठाया गया।
डूबे लोगों की संख्या छिपाने का आरोप : गुस्से में भरे बैठे अमर सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन केवल 35 लोगों के नाव में सवार होने की बात कह रहा है। नाव पर करीब 45-50 लोग सवार थे। अब अधिकारी संख्या छिपाने में जुटे हैं। ओंकार के बेटे बौरा ने वीडियो बनाया है, सब साफ दिख रहा है। तलाशने के बजाए छिपाने की कोशिश हो रही है।