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कृषि विभाग बनाएगा सामुदायिक खलिहान व बीज गोदाम

जागरण संवाददाता बांदा किसानों की फसल तैयार होने

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 11:18 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 06:08 AM (IST)
कृषि विभाग बनाएगा सामुदायिक खलिहान व बीज गोदाम
कृषि विभाग बनाएगा सामुदायिक खलिहान व बीज गोदाम

जागरण संवाददाता, बांदा : किसानों की फसल तैयार होने के बाद अक्सर मड़ाई को लेकर दिक्कत रहती है। इसके बाद बीज सुरक्षित रखने को लेकर चिता सताती है। इस समस्या को दूर करने के लिए कृषि विभाग इस वर्ष जिले में 200-200 वर्ग मीटर के 14 खलिहान और 56.25 वर्ग मीटर दायरे के 14 सामुदायिक बीज गोदाम बनाएगा।

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कृषि क्षेत्र भी अब मशीनीकरण से अछूता नहीं है। पहले हल व बैल के जरिए खेती-किसानी होती थी। तीन माह तक बैलों से मड़ाई का कार्य चलता था। अब समय बदल गया है। फसल काटने के बाद अब कुछ घंटों में थ्रेसिग कर दाना घर पहुंच जाता है। ऐसे में खलिहान की प्रथा खत्म हो रही है। कृषि विभाग अब गांवों में किसानों के कलस्टर बनाकर सामुदायिक खलिहान बनवाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत जिले में 14-14 सामुदायिक खलिहान व गोदाम बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यहां एक समूह में करीब 10 से 12 किसान फसलों की मड़ाई कर सकेंगे। सामुदायिक खलिहान की लागत 3.40 लाख रुपये है। इसमें उन्हें कृषि विभाग 1.70 लाख रुपये अनुदान देगा। इसी तरह किसानों को बीज सुरक्षित रखने के लिए भी छोटे गोदाम बनाए जाएंगे। बीज गोदाम की कुल लागत 6.68 लाख रुपये है। किसानों के समूह को 3.64 लाख रुपये कृषि विभाग अनुदान देगा। शेष धनराशि किसानों को खुद खर्च करनी पडेगी। गोदाम 56.25 वर्ग मीटर का होगा। इसकी उंचाई करीब 14 फीट होगी। जिले भर में 14 सामुदायिक खलिहान और 14 बीज गोदाम बनाए जाएंगे। इसके लिए किसानों को अपने गांव में समूह बनाकर कृषि विभाग में आवेदन कर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अवर अभियंता जांच पड़ताल कर एमबी बनाएंगे। इसके बाद किसानों के खातों में खलिहान व गोदाम का अनुदान पहुंच जाएगा। ऐसे संचालित होंगे गोदाम :

गोदामों के संचालन के लिए किसानों के समूह में ही अध्यक्ष व सचिव नामित किए जाएंगे। वह गोदाम तैयार होने के बाद बीज के लिए सुरक्षित अनाज इसमें रख सकेंगे। गोदाम में सभी सुविधाएं होंगी।

सामुदायिक थ्रेसिग फ्लोर व बीज गोदाम के लिए किसानों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। समूह बनाकर किसान उप कृषि निदेशक कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराएं। पहले आओ-पहले पाओ के आधार किसानों को लाभ दिया जाएगा।

- रामकुमार माथुर, प्रभारी उप कृषि निदेशक


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