आखिर कई मौतों के बाद चेता प्रशासन, नावों पर लगाई रोक
बाद आखिर प्रशासन चेता। पैलानी क्षेत्र में तहसील प्रशासन ने
आखिर कई मौतों के बाद चेता प्रशासन, नावों पर लगाई रोक
जागरण संवाददाता, बांदा : मरका हादसा के बाद आखिर प्रशासन चेता। पैलानी क्षेत्र में तहसील प्रशासन ने नावों पर रोक लगा दी। इससे दोनों तरफ तमाम लोग आने-जाने के लिए फंसे रहे। ग्रामीणों ने नदी पार करने के लिए विकल्प के रूप में स्टीमर की व्यवस्था कराने की मांग प्रशासन से की है। बरसात में तीन माह के लिए नावों को बंद करा दिया जाता है। ताकि तेज बहाव और बाढ़ से कोई हादसा न हो। लापरवाही के चलते मरका में आखिर बड़ा हादसा हो गया। इसके बाद प्रशासन चेता। शुक्रवार को पैलानी एसडीएम लालचंद और सीओ आनंद पांडेय ने खप्टिहाकलां व पैलानी में नावों पर रोक लगा दी। मौके पर पुलिस टीम मौजूद रही। ताकि कोई नाव से पार न जा पाए। नाव बंद होने से तमाम लोग इधर से उधर आने जाने के लिए परेशान रहे। उधर, प्रशासन ने नाव तो बंद करा दी, पर केन नदी के उस पार बसे लगभग आधा दर्जन से भी अधिक मजरों के लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि इन बस्तियों में रहने वाले लोगों का आवागमन नाव के जरिए ही होता है। दूसरा विकल्प नहीं है। रक्षाबंधन राखी बंधवाने आए भाई और बहन भी फंसे रहे। थानाध्यक्ष पैलानी नंदराम प्रजापति ने कहा कि विद्यार्थी व ग्रामीण जसपुरा से घूम कर आएं। खप्टिहाकला के विनय तिवारी, गणेशा, इंद्रपाल सिंह ने बताया कि केन नदी के उस पार कुटी डेरा तक प्रतिदिन 16 अध्यापक तथा 187 छात्र-छात्राएं नाव से प्रतिदिन आते जाते हैं।