शिक्षक भर्ती की काउंसिलिग में 62 अभ्यर्थी अनुपस्थित
जागरण संवाददाता बांदा परिषदीय विद्यालयों में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत दूसरे दिन महि
जागरण संवाददाता, बांदा : परिषदीय विद्यालयों में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत दूसरे दिन महिला अभ्यर्थियों की काउंसिलिग की गई। 336 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, इसमें 27 महिलाएं काउंसिलिग में नहीं पहुंच सकीं। वहीं पहले दिन पुरुष अभ्यर्थियों में भी 35 लोग अनुपस्थित रहे। छूटे हुए 62 अभ्यर्थियों को शुक्रवार को एक दिन का और मौका दिया गया है। वह बीएसए दफ्तर में पहुंचकर काउंसिलिग करा सकते हैं।
राजकीय इंटर कॉलेज में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिले में रिक्त 814 पदों के लिए दूसरे चरण की काउंसिलिग की जा रही है। दो दिवसीय काउंसिलिग के अंतिम दिन 336 महिला अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। गुरुवार को सुबह काउंसिलिग के लिए दूर-दराज जिलों से महिलाएं जीआइसी पहुंची। यहां अपने स्टांप व अन्य अभिलेख दुरुस्त कर समिति के समक्ष जमा किए। बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ, डायट प्राचार्य वीरेंद्र कुमार सिंह सहित डॉयट प्रवक्ता निशा गुप्ता, जीजीआइसी प्रधानाचार्य वीना गुप्ता व सभी एबीएसए अलग-अलग काउंटरों में बैठकर काउंसिलिग करते रहे।
बच्चों को संभालते रहे पति, फोर्स रही तैनात
इस बीच कई महिलाएं दुधमुंहे बच्चों को साथ लेकर काउंसिलिग कराने पहुंची। काउंसिलिग के समय पति के हवाले बच्चों को कर महिलाएं देर शाम तक प्रक्रिया में जुटी रहीं। सुबह दस बजे से शुरू हुई काउंसिलिग शाम पांच बजे तक चलती रही। जीआइसी मुख्य गेट पर पुलिस फोर्स तैनात रही। सभी को सैनिटाइज कर मास्क के साथ अंदर दाखिल होने दिया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ ने बताया कि कुल 814 अभ्यर्थियों की दो दिवसीय काउंसिलिग होनी है। इनमें पहले दिन 478 पुरुष अभ्यर्थियों की काउंसिलिग होनी थी। इसमें 35 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। वहीं महिला अभ्यर्थियों में 336 में 309 ने अपनी काउंसिलिग कराई। 27 महिलाएं काउंसिलिग में नहीं पहुंच सकीं। दोनों दिन कुल 62 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को बीएसए दफ्तर में अभिलेखों की जांच की जानी है। शाम पांच बजे तक अनुपस्थित अभ्यर्थी पहुंचकर काउंसिलिग करा सकेंगे। इसके बाद उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।
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शिक्षक बनने को करना पड़ा लंबा इंतजार
-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लंबे इंतजार के बाद पूरी हुई है। अब काउंसिलिग होने के बाद उनके शिक्षक बनने की उम्मीदें पूरी हुई हैं। आज बेहद सुखद अनुभूति हो रही है।
-प्रीती हमीरपुर
-शासन व कोर्ट के बीच फंसी होने के कारण शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से पूरी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में उन्हें मायूसी होने लगी थी। अब शिक्षक बनकर बेहद अच्छा लग रहा है।
-तनुश्री मौदहा
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-शिक्षक बनने की मंशा अब जाकर पूरी हुई है। काउंसिलंग कराने के बाद उन्हें काफी संतोष मिला। अब मंजिल मिली तो वह तथा उनके स्वजन सभी काफी खुश हैं।
-प्रीती गुप्ता, अतर्रा
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-शिक्षक बनना कितना मुश्किल भरा है, यह आभास हो गया है। देर आए दुरुस्त आए। अब शिक्षक बनने का ख्वाब पूरा हो रहा है तो उन्हें इसकी बेहद खुशी है।
-प्रिसी, कानपुर