ईट भट्ठे से मुक्त कराए बच्चों समेत 48 बंधुआ मजदूर
जागरण संवाददाता बांदा बंधुआ मुक्ति मोर्चा के प्रयास से एटा जिले की विजिलेंस ने ईट भट्ठे से ब
जागरण संवाददाता, बांदा : बंधुआ मुक्ति मोर्चा के प्रयास से एटा जिले की विजिलेंस ने ईट भट्ठे से बच्चों समेत 48 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है। इन्हें मजदूरी देने का झांसा देकर वहां ले जाया गया, मगर पीटकर जबरन काम कराया जाता था। उनके पास खाने तक को कुछ नहीं था। मुक्त कराए गए सभी लोगों को बांदा के लिए रवाना किया गया है।
बंधुआ मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय जंतर मंतर रोड नई दिल्ली को तीन दिसंबर को सूचना मिली थी किा एटा के निधौली स्थित किशनपुर गांव के एक ईट भट्ठे पर बच्चों व मजदूरों को बंधक बना जबरदस्ती काम कराया जा रहा है। मोर्चा के कार्यकर्ता सोनू तोमर ने एटा के डीएम अंकित कुमार अग्रवाल से बात कर पूरी जानकारी दी। इसके बाद डीएम ने विजिलेंस टीम बनाकर एसडीएम की अगुवाई में किशनपुर के भट्ठे पर भेजी। टीम ने जांच की तो पाया गया कि मजदूरों को बंधक बनाकर कार्य कराया जा रहा था। वहां 48 बाल और बंधुआ मजदूरों को परिवार सहित मुक्त कराया। सभी ग्राम जमुनिहा पुरवा, बबेरू जिला बांदा के निवासी हैं। इनमें पुरुष व महिलाओं के साथ आठ बच्चे भी शामिल हैं। मुक्त हुए मजदूरों ने बताया कि भट्टा मालिक बोला था कि 650 रुपये प्रति हजार ईट के हिसाब खर्चा हर सप्ताह दूंगा, लेकिन यहां आने पर वह पलट गया और मारपीट कराकर जबरदस्ती काम कराने लगा।
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प्रत्येक मुक्त मजदूर को मिले 20 हजार
बंधुआ मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता सोनू तोमर व जावेद ने मांग की है कि बंधुआ मजदूरों को मुक्त प्रमाण पत्र व पुनर्वास की योजना 2016 के तहत तत्काल सहायता राशि प्रत्येक मुक्त बंधुआ मजदूर को 20,000 रुपये के हिसाब से दी जानी चाहिए। बंधुआ मजदूरों का सर्वे किया जाना चाहिए। नहीं तो गुलामी का यह चक्र चलता रहेगा।