जिले के 42 बच्चों को मिलेगा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ
जागरण संवाददाता बांदा कोविड-19 संक्रमण के चलते जिन बच्चों ने अपने माता या पिता को खो दिया
जागरण संवाददाता, बांदा : कोविड-19 संक्रमण के चलते जिन बच्चों ने अपने माता या पिता को खो दिया है। उनकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी। अनाथ हुए बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा, आवास व उनकी देखरेख तक का खर्च अब सरकार वहन करेगी। उप्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का जिले के 42 बच्चों को लाभ मिलेगा। जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह व एसडीएम सुधीर गहलोत ने गुरुवार को 13 बच्चों को योजना का लाभ मिलने का प्रमाण पत्र देते हुए शुभारंभ किया। जिलाधिकारी ने कहा कि जो लोग अटल या कस्तूरबा विद्यालय में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते हैं, वह इलाके के अच्छे स्कूल का नाम बताते हुए आवेदन दें, उनका प्रवेश वहीं करा दिया जाएगा। इस मौके पर योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल के भाषण का सजीव प्रसारण भी दिखाया गया।
कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने कहा कि योजना का लाभ उन बच्चों को मिलेगा, जिनकी उम्र 0 से 18 वर्ष है और कोविड-19 महामारी में अपने माता या पिता को खो दिया है। अनाथ बच्चों की देखरेख, निश्शुल्क आवास, शिक्षा तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। छह से बारहवीं तक की शिक्षा अटल आवासीय विद्यालय या कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के साथ 12 हजार रुपये प्रति वर्ष आर्थिक सहयोग के रूप में दिया जाएगा। बताया कि यदि बच्चे के संरक्षक आवासीय विद्यालय में प्रवेश नहीं दिला कर अपने पास ही रखकर शिक्षा दिलाना चाहते हैं तो उस बच्चे को सरकार की तरफ से 18 वर्ष की आयु तक या बारहवीं की शिक्षा पूरी होने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह धनराशि दी जाएगी। इसी के साथ 0 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के संरक्षक के खाते में चार हजार रुपये प्रतिमाह डाले जाएंगे। इस योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनके परिवार की आय तीन लाख रुपये से ज्यादा न हो।
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बेटी की शादी का भी है इंतजाम
बांदा : मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभांवित होने वाली बेटियों की शादी के लिए सरकार एक लाख एक हजार रुपये का आर्थिक सहयोग करेगी।
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लैपटाप व टैबलेट भी देगी सरकार
बांदा : मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभांवित होने वाले बच्चों को प्रदेश सरकार ने लैपटाप व टैबलेट देने का भी प्रावधान योजना में रखा है। लाभांवित होने वाले बच्चों को कक्षा नौवीं व इससे ऊपर अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को इस योजना के तहत लैपटाप व टैबलेट सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।
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योजना का लाभ उठाने के लिए यह देने होंगे कागज
बांदा : इस योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चे व अभिभावक की नवीनतम फोटो, मृत्यु प्रमाण पत्र, कोविड-19 से मृत्यु का प्रमाण-पत्र, बच्चे का आयु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र व माता या पिता का आय प्रमाण पत्र यदि दोनों की मृत्यु कोविड के कारण हुई है तो उन बच्चों को आय प्रमाण-पत्र नहीं देना होगा।
यह रहे मौजूद
एसडीएम सदर सुधीर गहलोत, एसडीएम बबेरू महेंद्र प्रताप, सीओ राकेश कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ बच्चे व अभिभावक मौजूद रहे।