40 हजार एमटी खपेगी खाद, आधा भी नहीं स्टॉक
फोटो संख्या-1 हीलाहवाली -गोदामों में सिर्फ 4503 एमटी यूरिया और 4862 एमटी डीएपी -रबी फसलों
फोटो संख्या-1
हीलाहवाली
-गोदामों में सिर्फ 4503 एमटी यूरिया और 4862 एमटी डीएपी
-रबी फसलों की बुआई में किसानों के बीच फिर होगी मारामारी
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। इस वर्ष रबी फसल में जनपद में करीब 40 हजार मीट्रिक टन यूरिया के खपत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके सापेक्ष बफर गोदाम में 12 हजार एमटी यूरिया व डीएपी का ही स्टॉक है। इस समय रबी में दलहनी फसलों की बुआई का कार्य शुरू हो गया। किसान खाद के लिए केंद्रों में लाइन लगा रहे हैं। यदि स्टॉक जल्द मेनटेन नहीं किया गया तो किसानों को फिर खाद के लिए पिसना होगा।
जनपद में रबी फसलों में बुआई का दायरा करीब 40 हजार हेक्टेयर इस वर्ष बढ़ाया गया है। इसके साथ ही खाद की खपत भी बढ़ेगी। पिछले वर्ष करीब 35 हजार मीट्रिक टन खाद की खपत हुई थी। वहीं इस वर्ष रबी सीजन में कृषि विभाग ने 40 हजार 252 मीट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें 20804 मीट्रिक टन यूरिया और 16940 मीट्रिक डीएपी की खपत होगी। 1079 एमटी एनपीके खाद की भी जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा 540 एमटी एसएसपी व 589 एमटी एमओपी खाद वितरण का लक्ष्य है। उधर, कृषि विभाग ने लक्ष्य तो निर्धारित कर दिया है, पर स्टाक को लेकर बेफिक्र है। इस लक्ष्य में सबसे ज्यादा 25332 एमटी सहकारी समितियों पर खाद वितरण का दायित्व है। उधर, जिले में खाद की उपलब्धता पर निगाह डालें तो स्थिति बेहद खराब है। गोदामों व वितरण केंद्रों पर लक्ष्य का आधा भी स्टॉक नहीं है।
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खाद की उपलब्धता पर एक नजर :
कृषि विभाग के मुताबिक सहकारी समितियों के बिक्री केंद्रों पर इस समय 18141 मीट्रिक टन खाद है। इसमें 6404 एमटी यूरिया और 9514.60 मीट्रिक टन डीएपी खाद है। वहीं बफर गोदाम में अवशेष स्टॉक पर नजर डालें तो यहां 12218 मीट्रिक टन खाद रखी है। इसके अलावा 4589 मीट्रिक टन यूरिया व डीएपी खाद प्रीपोजिसनिग स्टॉक में है।
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दस दिन में बिक गई 6598 एमटी खाद
रबी की बुआई में किसान मारामारी से बचने के लिए पहले से खाद का स्टॉक करना चाहते हैं। किसानों ने दस दिन के अंदर ही बुआई के लिए 6598 मीट्रिक टन खाद खरीद कर रख ली है। इसमें 1177 एमटी यूरिया और 4202 एमटी डीएपी खाद बिक चुकी है। इसके अलावा 444 एमटी एनपीके व 650 एमटी एसओपी खाद भी खरीदी जा चुकी है।
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-जनपद में रबी फसलों के लिए अभी स्टॉक पर्याप्त है। खपत के हिसाब से खाद की डिमांड भेजी जा रही है। दलालों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
-डॉ. प्रमोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी, बांदा