गेहूं की ट्राप ड्रेसिंग के लिए बरेली से आई 26 सौ एमटी यूरिया
जागरण संवाददाता बांदा गेहूं में ट्राप ड्रेसिग के लिए यूरिया की किल्लत न हो इसके लिए बरेल
जागरण संवाददाता, बांदा : गेहूं में ट्राप ड्रेसिग के लिए यूरिया की किल्लत न हो इसके लिए बरेली से भेजी गई 26 सौ मीट्रिक टन खाद बांदा आ गई है। अभी 32सौ मीट्रिक टन गुजरात से आनी है। अधिकारियों ने बताया कि एक-दो दिन में यह भी बांदा पहुंच जाएगी।
गेहूं की फसल में यूरिया ट्राप ड्रेसिग (छिड़काव) का काम चल रहा है। जिले में रबी के दौरान सर्वाधिक क्षेत्रफल में किसान गेहूं की बुआई करते हैं। फसल की सिचाई के बाद यूरिया का छिड़काव किया जाता है। जिसके चलते खाद की मांग बढ़ गई है। किसानों को खाद संकट का सामना न करना पड़े। बरेली से 26 सौ एमटी इफ्को की यूरिया रैक बांदा आ गयी है। जिसे रेलवे स्टेशन से भंडारों में भेजा जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी डॉ.प्रमोद कुमार ने बताया कि इसमें लगभग 16सौ एमटी बांदा को मिली है। शेष हमीरपुर व महोबा जिले में जाएगी। इसके अलावा गुजरात से 32सौ एमटी की इफ्को यूरिया की एक रैक एक-दो दिन में बांदा आ जाएगी। जिसमें करीब 19सौ एमटी खाद बांदा को मिलेगी। बाकी चित्रकूट जनपद भेजी जाएगी। बताया कि गेहूं की ट्राप ड्रेसिग में यूरिया की कमी नहीं आने दी जाएगी।
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दलहनी फसलों में न करें ट्राप ड्रेसिग
बांदा : जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि यूरिया की ट्राप ड्रेसिग गेहूं की फसल में करना है वह भी सिचाई के बाद। लेकिन कुछ किसान दलहनी फसलों चना व मटर मं यूरिया की ट्राप ड्रेसिग करते हैं। इससे बचना है क्योंकि ट्राप ड्रेसिग से फसलों की बढ़वार तो होगी लेकिन फलियां कम मात्रा में बनने से उत्पादकता प्रभावित होती है।