19.45 करोड़ से पेयजल व्यवस्था को मिलेगी संजीवनी
जागरण संवादददाता बांदा जिला मुख्यालय की दशकों पुरानी सिसकती पेयजल व्यवस्था को संजीवनी मिलेगी
जागरण संवादददाता, बांदा : जिला मुख्यालय की दशकों पुरानी सिसकती पेयजल व्यवस्था को संजीवनी मिलेगी। शासन ने इसके लिए 19.45 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इसमें से 2.77 करोड़ रुपये जल निगम को मिल गए हैं। भूरागढ़ इंटेकबेल से शहर के दोनों सीडब्लूआर तक राइजिग मेन लाइन बिछाई जाएगी। मुख्य पाइप लाइन में लीकेज की समस्या से शहरवासियों को निजात मिल जाएगी।
मंडल मुख्यालय की आबादी करीब दो लाख है। सभी को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए केन नदी में इंटेकबेल संचालित हो रहे हैं। दशकों पुरानी पाइप लाइन जर्जर हो चुकी हैं। इससे आए दिन लीकेज की समस्या आती है। मुख्य लाइन में लीकेज की वजह से लोगों के घरों तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ज्यादातर मोहल्लों में गंदा पानी आपूर्ति होने की शिकायतें आती हैं। शहर के सभी 32 वार्डों में इंटेकबेल के जरिए साढ़े सात एमएलडी पानी आपूर्ति किया जाता है। मंडल मुख्यालय में करीब 33 हजार उपभोक्ता हैं। मंडल मुख्यालय की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सु²ढ़ करने के लिए शासन ने इसी माह 19.45 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। कार्यदायी संस्था जल निगम को कार्य शुरू कराने के लिए 2.77 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। विभाग ने नई मुख्य पाइप लाइन बिछाने के लिए सर्वे आदि का कार्य शुरू कर दिया है। इस कार्य को पूरा करने के लिए करीब एक वर्ष का समय दिया गया है।
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ये फायदे होंगे :
भूरागढ में जल संस्थान का जल शोधन संयत्र स्थापित है। इससे अभी तक सिविल लाइन सीडब्लूआर तक ही शुद्ध पानी आता था। लेकिन अब नई राइजिग मेन लाइन बिछने से यह सिविल लाइन के अलावा जल संस्थान कार्यालय परिसर में स्थापित सीडब्लूआर (ओवरहेड टैंक) में जुड़ जाएगा। इससे शहर के सभी 32 वार्डों में बेहतर जलापूर्ति हो सकेगी। पाइप लाइनों में लीकेज की समस्या के साथ शुद्ध पानी मिलेगा।
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-शासन से बजट मिलने के बाद राइजिग मेन लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। यदि आगे का बजट भी समय मिला तो इस प्रोजेक्ट को एक वर्ष में पूरा करा लिया जाएगा। इससे शहर में पेयजल आपूर्ति में बेहतर सुधार होगा।
-गौरव चौधरी, अधिशासी अभियंता, जल निगम, 16वीं शाखा, बांदा