दूसरे चरण एसीएफ में मिले 117 टीबी के मरीज
जागरण संवाददाता बांदा पोलियो की तर्ज पर अब टीबी रोग से मुक्त कराने के लिए सरकार लगातार
जागरण संवाददाता, बांदा : पोलियो की तर्ज पर अब टीबी रोग से मुक्त कराने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान चलाकर रोगियों की खोज और जागरुकता लाने का काम चल रहा है। इसे तीन फेज में शुरू किया गया है। पहला चरण पूरा होने के बाद अब दूसरा चरण एक्टिव केस फाइंडिग (एसीएफ) चलाया जा रहा है। जिसमें अभी तक 117 मरीज मिले हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एमसी पाल ने कहा कि एक समय था जब देश में टीबी लाइलाज बीमारी थी लेकिन अब इसका इलाज संभव है। सही समय पर पूरा इलाज कराने से टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। अक्सर टीबी का समय पर पता नहीं चल पाता है। इसकी वजह है कि लोग इसके बारे में जागरूक नहीं हैं और इसके लक्षणों को लंबे समय तक नजरअंदाज करते रहते हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप वर्मा का कहना है कि टीबी हारेगा भारत जीतेगा अभियान 26 दिसंबर से शुरू हुआ था। पहले चरण में पहली जनवरी तक अनाथालय, वृद्धाश्रम, मदरसे, कारागार इत्यादि में मरीजों की पहचान और जागरूकता अभियान चला। दूसरे चरण में दो जनवरी एसीएफ में 117 मरीज मिले हैं। जनपद की कुल आबादी के 20 प्रतिशत यानी दो लाख आबादी पर यह अभियान चलाया जा रहा है। यह 12 जनवरी तक चलेगा।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
टीबी का एक प्रमुख लक्षण है खांसी। अगर आपको तीन हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी हो तो इसे नजरअंदाज न करें। खांसी में खून आना, सीने में दर्द या सांस लेने और खांसने में दर्द होना, लगातार वजन कम होना, चक्कर आना, रात में पसीना आना, ठंड लगना, भूख न लगना भी टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
टीबी रोग का यह भी है कारण
टीबी एक संक्रामक रोग है जो हवा और सांस से फैलता है। टीबी का मरीज खांसता या छींकता है तो उससे निकलने वाले कणों के संपर्क में आने से टीबी हो सकती है।