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लाखों खर्च फिर भी 10 वर्षो से नहरें बदहाल

विभागीय अधिकारियों को नहीं जानकारी साफ-सफाई अधूरी किसानों को पानी न मिलने का मलाल सिंचाई में परेशानी

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 10:19 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 10:19 PM (IST)
लाखों खर्च फिर भी 10 वर्षो से नहरें बदहाल
लाखों खर्च फिर भी 10 वर्षो से नहरें बदहाल

बलरामपुर: रेहराबाजार क्षेत्र के जिगनी, बनकटवा व रामनगर माइनर में 10 वर्षो से पानी नहीं आ सका है। वजह, नहरों की सफाई नहीं की गई है। नहर झाड़ियों से ढका हुआ है। सफाई न होने के कारण नहर बदहाल है। वहीं विभागीय अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है।

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सरयू नहर खंड-दो की बनकटवा, रामनगर व जिगनी माइनर का निर्माण 10 वर्ष पहले हुआ था। नहर पर चकरोड तो कहीं खड़ंजा निकला हुआ है। नंदकिशोर, राजेश, राधेश्याम का कहना है कि नहर की खोदाई से किसानों को फायदा नहीं हुआ है। खेत भी चला गया। जमीन का उचित मुआवजा भी नहीं मिला है। नहर में पानी न आने से सिचाई का ख्वाब अधूरा रह गया।

मनीष कुमार व अर्जुन तिवारी का कहना है कि करीब हर साल नहर की सफाई के नाम पर लाखों रुपये का खेल होता है, लेकिन नहर की हालत जस की तस बनी हुई है। इसमें जगह-जगह झाड़ियां उगी हुई है।

अधिशासी अभियंता राधामोहन ने बताया कि जिले में कई नहरें हैं। नहर में पानी क्यू नहीं आया, इसकी जानकारी करेंगे। किसका रोस्टर क्या है, यह पता करना पड़ेगा।

शौचालय बदहाल, कार्रवाई से कतरा रहे अधिकारी

बलरामपुर: गांवों में शौचालय निर्माण में मानक की अनदेखी से ग्रामीण खुले में शौच को मजबूर हैं। स्व<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत लाखों रुपये खर्च कर गांवों में बनाए गए शौचालय बदहाल हो गए हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

रेहरा बाजार ब्लाक के ग्राम पंचायत जखौली, पतकरपुर परसिया, रामपुर ग्रिट, मुबारकपुर, इटई अब्दुल्लाह, छितलुपुर में बने अधिकांश शौचालय जर्जर हो गए हैं। दरवाजा टूट गया, तो किसी का गड्ढा ही नहीं बना। ऐसे में लोग शौचालय का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

राधेश्याम श्रीवास्तव, राकेश कुमार, भानतारा, नंद कुमार ने बताया कि शौचालय का गड्ढा खोदा गया तो कहीं पाइप ही नहीं लगाई गई। इससे शौचालय निष्प्रयोज्य हैं। मनोज कुमार ने बताया कि पात्रता सूची में नाम होने के बाद भी उनको शौचालय का लाभ नहीं मिला। एवजपुर, मनुवागढ़, नयानगर, गोल्हीपुर, बढ़या फरीद खां गांवों में बड़ी संख्या में ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाते हैं।

उतरौला एसडीएम संतोष ओझा का कहना है कि स्व<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। खामियां मिलने पर संबंधित सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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