श्रावण के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़ मास्क व शारीरिक दूरी के साथ भक्तों ने किया पूजन-अर्चन
बलरामपुर : छोटी काशी के नाम से मशहूर जिले में श्रावण के पहले दिन चारों तरफ हर-हर महादेव की गूंज रही। श्रावण माह की शुरुआत इस बार सोमवार से होना अच्छा संयोग माना जा रहा है। भोर से ही शिव मंदिरों पर भक्तों की कतार लग गई। शारीरिक दूरी का पालन व मास्क लगाकर श्रद्धालुओं ने भूतभावन का जलाभिषेक किया। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं, जिसे विद्वान आध्यात्मिक ²ष्टि से भी शुभ बताते हैं। मंदिरों में गूंजा हर-हर महादेव :
-नगर स्थित प्राचीन झारखंडी शिव मंदिर पर भोर से ही श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचने लगे। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी लालजी गिरि की निगरानी में एक बार में पांच लोगों को ही प्रवेश दिया गया। श्रद्धालुओं ने मास्क लगाकर शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए धैर्य के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों ने भांग, धतूरा, बेलपत्र अर्पित कर दुग्धाभिषेक भी किया। नगर के टेढ़ीबाजार स्थित दक्षिणेश्वर महाराज के शिवलिग पर भी जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसी तरह हरिहरगंज के निकट गिधरैंया स्थित रेणुकानाथ शिव मंदिर, धर्मपुर स्थित झारखंडेश्वर महादेव मंदिर, राजापुर भरिया जंगल स्थित जंगली नाथ, उतरौला के दु:खहरण नाथ, पचपेड़वा स्थित शिवगढ़ धाम में भी शिवभक्तों ने शारीरिक दूरी के अनुपालन के साथ जलाभिषेक व पूजन-अर्चन किया।
बेलपत्र का है विशेष महत्व :
-पंडित बजरंगी प्रसाद के मुताबिक धार्मिक पुराणों के अनुसार श्रावण मास में शिवजी को एक अखंड बेलपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है। साथ ही भोलानाथ को कच्चा दूध, सफेद फल, भस्म, भांग, धतूरा, श्वेत वस्त्र अधिक प्रिय है। श्रावण मास में शिवपुराण, शिवलीलामृत, शिव कवच, शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर मंत्र, शिव पंचाक्षर स्त्रोत, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ एवं मंत्र जाप करने से मनुष्य के सारे पापों का नाश होता है।