पर्यावरण संरक्षण को बना लिया जिदगी का मकसद
27 वर्ष में लगवा चुके हैं तीन लाख से अधिक पौधे हमेशा साथ लेकर चलते हैं पौधा
बलरामपुर : दिनोंदिन बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। वृक्ष हमें प्राणवायु देते हैं। इसलिए सभी को अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। यह मानना है पर्यावरणविद प्रोफेसर नागेंद्र सिंह का। जो पर्यावरण संरक्षण को ही अपने जीवन का मिशन बना चुके हैं। वह किसी भी कार्यक्रम में जाते हैं, तो लोगों को पौधा भेंटकर हरियाली का सबक सिखाते हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय घूघुलपुर में बाल वन तैयार किया है। अगले वर्ष नीम का बाग तैयार करने का संकल्प लिया है। एक शिक्षक होने के नाते सभी छात्र-छात्राओं को भी हरियाली बचाने की प्रेरणा देते हैं। वह हमेशा अपने साथ एक पौधा लेकर चलते हैं। जिसे लोगों को देकर पर्यावरण को संरक्षित कर विषैली हो रही प्राणवायु के संतुलन को बनाए रखने की अपील करते हैं। जिसका नाम उन्होंने पथवन (फुटपाथ) रखा है। अच्छे पौधों के बताते हैं गुण :
-प्रोफेसर नागेंद्र सिंह का कहना है कि वह वर्ष 1979 से साइकिल से चल रहे हैं। वर्ष 2007 में सेवानिवृत्त हुए। 70 हजार रुपये पेंशन होने के बाद भी साइकिल से चलना ही रास आता है। 27 वर्षों में वह पीपल, बरगद, पाकड़, तुलसी, नासपाती, सहजन, सागौन समेत तीन लाख से अधिक फलदार पौधे रोपित करवा चुके हैं। आज भी वह प्रदूषण के खिलाफ अलख जगाकर पर्यावरण संरक्षण के सारथी बने हुए हैं।
वन्यजीव प्रतिपालक का मिला खिताब :-प्रोफेसर नागेंद्र सिंह को वन्यजीव प्रतिपालक का खिताब मिला है। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय में राजीव गांधी स्मृति बाल वन खड़ा किया। दस वर्ष में 15 से 16 हजार पौधे जनसहयोग से लगवा चुके हैं। उन्हें 2008 में जिला स्तर पर पौधरोपण व वनीकरण में सर्वोच्च पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए मां शारदा वनग्राम बेलभरिया के 34 एकड़ में जनसहयोग से पौधे भी रोपित करवा चुके हैं।