इंटर स्टेट बस टर्मिनल की पूरी न हुई आस
पवन मिश्र बलरामपुर जिलेवासियों को परिवहन निगम की तरफ से मिली बड़ी सौगात अधर में है।
पवन मिश्र, बलरामपुर :
जिलेवासियों को परिवहन निगम की तरफ से मिली बड़ी सौगात अधर में है। शहर के बाहर बहराइच रोड पर घूघुलपुर में आइएसबीटी (इंटरस्टेट बस टर्मिनल) बनना था। इसके लिए 3.66 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी गई। दिल्ली के कश्मीरी गेट बस स्टेशन की तर्ज पर बनने वाले आइएसबीटी से दूसरे राज्यों के लिए बसें मिलने की आस जगी थी। शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर व श्रावस्ती आने वाले सैलानियों को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, आगरा समेत अन्य शहरों के लिए यहां से सीधी बस सेवाएं मिलने लगतीं जिसका फायदा सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों को भी मिलता। कारण शक्ति पीठ देवी पाटन मंदिर व श्रावस्ती में बौद्ध स्थली होने के कारण विदेशी सैलानियों की आमद पूरे साल रहती है। वर्तमान में इकौना (श्रावस्ती) में एक छोटा सा बस स्टैंड है, लेकिन वहां बसें ठहरती नहीं हैं। मुख्य बाजार में होने के कारण दूसरे जिले से आने वाली बसें अब तक बाईपास से होकर निकल जाती हैं। आइएसबीटी के बन जाने से घूघुलपुर में दूसरे राज्यों की बसें ठहरती तो आसपास क्षेत्रीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलते। बढ़ती सुविधाएं, जाम से मिलती निजात:
घूघुलपुर में आइएसबीटी बनने के साथ ही नगर में स्थित रोडवेज डिपो की कार्यशाला को भी स्थानांतरित किया जाना था। अभी शहर के सिविल लाइन मुहल्ला में डिपो परिसर में ही कार्यशाला है। यहां खराब बसें खड़ी रहती हैं जिससे सही बसों के लिए जगह नहीं बचती। कार्यशाला स्थानांतरित होने के बाद पर्याप्त जगह हो जाती। इससे यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय, शौचालय समेत अन्य सुविधाएं बढ़ जाती। यही नहीं सड़क किनारे रोडवेज बसों को खड़ी कर सवारी बैठाने व उससे लगने वाले जाम से भी जिलेवासियों छुटकारा मिल जाता। जनप्रतिनिधियों ने शासन में इसकी पैरवी नहीं की जिससे इंटर स्टेट बस टर्मिनल की उम्मीद फाइलों में ही रह गई। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक वीके वर्मा का कहना है कि इंटर स्टेट बस के लिए साल भर पहले ही जमीन मिल गई है, लेकिन ऊपर से अब तक कोई दिशा निर्देश नहीं आया है।