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189 विद्यालय जर्जर, खौफ के साए में मतदान करेंगे वोटर

131 जर्जर व 58 मरम्मत योग्य विद्यालय चिह्नित 40 की ही हो सकी नीलामी

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:06 PM (IST)
189 विद्यालय जर्जर, खौफ के साए में मतदान करेंगे वोटर
189 विद्यालय जर्जर, खौफ के साए में मतदान करेंगे वोटर

जासं, बलरामपुर : जिले के बदहाल परिषदीय विद्यालय भवनों की नीलामी में अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इससे जर्जर भवन नौनिहालों के लिए खतरे का सबब बने हुए हैं। जिले के नौ विकासखंडों में 205 बदहाल विद्यालय चिह्नित किए गए हैं। इनमें से 131 जर्जर व 58 मरम्मत योग्य हैं। विधानसभा चुनाव में इनमें से अधिसंख्य विद्यालयों को मतदान केंद्र बनाया जाना है। तीन मार्च को परिषदीय स्कूलों में ही मतदान होना है। फिर भी जिम्मेदार जर्जर भवनों को नीलाम कराने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इन ब्लाकों में नहीं हुई नीलामी

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जिले के सभी शिक्षा क्षेत्रों में चिह्नित 205 में से 204 बदहाल स्कूलों की जांच कराई गई है। इनमें 189 विद्यालय ऐसे पाए गए हैं, जिसके नीचे रहना खतरे से खाली नहीं है। जर्जर 131 स्कूलों में से विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों में अब तक सिर्फ 40 की ही नीलामी हो सकी है। श्रीदत्तगंज, उतरौला, गैंड़ासबुजुर्ग व रेहराबाजार में एक भी जर्जर भवन की नीलामी नहीं हो सकी है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही स्कूल खुलने पर बड़े हादसे का सबब बन सकती है। यह विद्यालय हैं बानगी :

शिवपुरा में स्थित प्राथमिक विद्यालय हाथीगर्दा का भवन जर्जर हो गया है। भवन की छत कभी भी ढह सकती है। विद्यालय संचालित होने पर बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढ़ने को मजबूर होते हैं। विद्यालय का भवन लगभग 30 साल पुराना है। छत की सरिया दिखा रही है। हल्की बारिश होने पर छत टपकने लगती है। शिवपुरा बाजार में संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालय भी देखरेख के अभाव में जर्जर हो गया है। भवन का प्लास्टर उजड़ चुका है। बारिश में छत टपकने से परेशानी होती है। शिक्षा क्षेत्र रेहराबाजार के प्रावि मौहरवा का भवन जर्जर है। कमरे की फर्श उजड़ी हुई है। खिड़कियां टूटी हैं। कमोवेश यही हाल प्रावि लखनीपुर का भी है। विद्यालय भवन में काई जम गई है। कक्ष के प्लास्टर उजड़ चुके हैं। छत की सरिया दिखने लगी है। यह तो महज बानगी हैं। जिले में 150 से अधिक जर्जर स्कूल सुंदरीकरण व पुनर्निर्माण की बाट जोह रहे हैं। कोट

- मूल्य अधिक होने के कारण अधिसंख्य जर्जर भवनों की नीलामी नहीं हो पाई है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को नीलामी का मूल्य कम करने का पत्र लिखा गया है।

- डा. रामचंद्र, बीएसए


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