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उखड़ने लगी सांस, तो यहां बचाव की नहीं आस

यह बात गैंसड़ी विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू ने क्षेत्र में जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाते समय कही। कहाकि वह स्वयं गांव-गांव जाकर लोगों को राशन व लंच पैकेट दे रहे हैं। कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को हर जरूरतमंद के पास तक सहायता पहुंचाने की हिदायत दी गई है। कहाकि जिला प्रशासन के निर्देशों का सभी लोग पालन करें। कोरोना वायरस से बचाव के लिए घरों में रहे। कहाकि पचपेड़वा गैंसड़ी व पिपरा कार्यालय पर सुबह दस से दोपहर दो बजे तक जरूरतमंदों को भोजन कराया जा रहा है। इसी तरह शाम सात से रात नौ बजे तक भोजन दिया जाता है। कहाकि ग्रामीणों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए गांव-गांव दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। जिसकी निगरानी स्वयं कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 09:54 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 06:07 AM (IST)
उखड़ने लगी सांस, तो यहां बचाव की नहीं आस
उखड़ने लगी सांस, तो यहां बचाव की नहीं आस

पवन मिश्र, बलरामपुर :

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वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। जिला मेमोरियल हॉस्पिटल में एल-1 सुविधा दी गई है। तब्लीगी जमात के लोगों की दस्तक के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए हैं। ऐसे में यदि कोई मरीज पॉजिटिव मिलता है, तो गंभीर होने पर उसकी जान बचाना मुश्किल होगा। वजह, जिले में पांच वेंटीलेटर मशीनें करीब एक साल से धूल फांक रहीं हैं। ऐसे में मरीज की सांस उखड़ने लगी, तो भगवान ही मालिक है। क्यों जरूरी है वेंटीलेटर :

-कोरोना संक्रमित मरीज की स्थिति जब गंभीर हो जाती है, तो वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। धीरे-धीरे फेफड़ों में पानी भर जाता है। इससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को सामान्य बनाने के लिए मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत होती है। वेंटिलेटर सांस लेने की प्रक्रिया को संभालता है। इस बीच डॉक्टर इलाज के जरिए फेफड़ों को दोबारा काम करने लायक बनाते हैं। क्या है दिक्कतें :

-अस्पताल में वेंटीलेटर सेवा देने के लिए 24 घंटे बिजली व ऑक्सजीन आपूर्ति सेवा होनी चाहिए। साथ ही प्रशिक्षित चिकित्सक व कर्मचारी होने चाहिए। संयुक्त जिला चिकित्सालय में एनेस्थेसिस्ट तो तैनात है, लेकिन वेंटीलेटर मशीनें स्थापित हो पाईं हैं और न ही स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण मिल सका है। ऐसे में वेंटीलेटर मशीनें महज शोपीस बनकर रह गईं हैं।

बोले जिम्मेदार :

-प्रभारी सीएमएस डॉ. एनके बाजपेई का कहना है कि पूर्व में वेंटीलेटर मशीनों को स्थापित करने के लिए टेक्नीशियन को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आ सके। वर्तमान में लॉकडाउन के कारण इंस्टालेशन नहीं हो पा रहा है। इसके बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।


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