बारिश से गन्ने की फसल बर्बाद, सूख रही धान की नर्सरी
कम नहीं हो रही अन्नदाता की मुश्किलें चिपचिपी गर्मी व उमस से लोग परेशान
बलरामपुर: प्रकृति की मेहरबानियों पर निर्भर अन्नदाता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सप्ताह भर पहले हुई लगातार बारिश व पहाड़ी नाले की उफान ने गन्ना किसानों को बर्बाद कर दिया। इससे हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की फसल जलभराव की चपेट में आ जाने से बर्बाद हो गई।
अब सप्ताह भर से बारिश न होने के चलते धान की फसल पर भी संकट मंडरा रहा है। धान की नर्सरी खेतों में सूख रही है। जलभराव से गन्ना व पानी के अभाव में धान की नर्सरी सूखते देख किसानों का कलेजा टूट रहा है।
उधर, उमस व चिपचिपी गर्मी से परेशान लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। मंगलवार को तापमान का 35 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस तक रहा जिससे लोग व्याकुल दिखे।
बर्बाद हो गई गन्ने की फसल:
पिछले दिनों में पहाड़ी नाला में उफान आने से खेतों में पानी भर गया था। इससे गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। परसहवा, सुगानगर, बजरडीह, पहरूईया, इटैहिया, मकुनहवा, भवनियापुर व बनघुसरी गांव के खेतों में अभी पानी भरा है। सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल सूख रही है।
किसान प्रेम कुमार, सुनील कुमार, कामता प्रसाद बताते हैं कि प्रतिवर्ष पहाड़ी नाला के उफान से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है। पिछले वर्ष भी हजारों हेक्टेयर गन्ना सूख गया था। किसानों को फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिला।
पीले पड़ने लगे धान के बेड़न:
जिले में कई दिनों से बारिश न होने से खेत में लगी धान नर्सरी पीली होने लगी है। प्यारे लाल, गोपाल, गोपी श्याम वर्मा ने बताया कि नर्सरी बढ़ नहीं रही है। धान की फसल भी चौपट होनी तय है।
वहीं, जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार का कहना है कि सप्ताह भर पहले जिस तरह से बारिश हुई थी, उससे तय है कि आने वाले समय में सूखा जरूर पड़ेगा। किसानों को चाहिए कि स्थिति का आंकलन कर लें जहां सिचाई के साधन हो,वहीं धान लगाएं।
गन्ना फसल के सर्वे कार्य में सहयोग करें किसान
बलरामपुर: गन्ना किसानों के लिए जरूरी खबर है। पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना फसल के सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। किसान खेत में मौजूद रहकर अपने गन्ने के रकबे का सत्यापन कराएं। नए सदस्य बनाने का कार्य भी चल रहा है। सर्वे में सहयोग से किसानों को पेराई सत्र में तौल पर्ची के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
जिला गन्ना अधिकारी आरएस कुशवाहा ने बताया कि सर्वे के साथ ही मृतक किसानों के सत्यापन का भी कार्य किया जा रहा है। इससे किसानों को होने वाली दिक्कतों से निजात मिलेगी। आन लाइन घोषणा पत्र भरकर किसान दें ताकि पेराई सत्र में तौल पर्ची आसानी जारी की जा सके।