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टूटा घरौंदा, कहां मिले छांव, टापू बन गए गांव

पहाड़ी नालों में आए उफान के बाद बूढ़ी राप्ती ने भी आंख तरेरी पानी से पूरे तरीके से घिर चुके हैं 12 गांव

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 09:55 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:13 AM (IST)
टूटा घरौंदा, कहां मिले छांव, टापू बन गए गांव
टूटा घरौंदा, कहां मिले छांव, टापू बन गए गांव

बलरामपुर : मानसून भले ही अभी सक्रिय न हुआ हो, लेकिन पहाड़ी नालों में आए उफान से 12 से अधिक गांव टापू में जरूर तब्दील हो चुके हैं। चहुंओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को नहीं मिल पा रही है। शौचालयों में पानी भरा हुआ है। लोगों को दूषित पानी पीकर प्यास बुझानी पड़ रही है। पशुओं के सामने चारे का संकट हो गया है। बावजूद इसके जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जिससे ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई है। मानसून सक्रिय होने पर गांवों को डूबने की आशंका से ग्रामीण संशकित है। ²श्य एक : सदर विकास खंड क्षेत्र के मैनहवा गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर चुका है। बारिश के दौरान चांदनी के फूस का मकान गिर गया। पति किस्मत धनी ने बताया कि उसके पास सिर छुपाने के छप्पर तक नहीं है। पॉलीथिन तानकर वह उसके नीचे दो बेटियों व पत्नी के संग रात काटने को विवश है। किसी तरह से एक टाइम खाना बन पाता है। जिसे दोनों जून की रोटी नसीब हो जाती है। लकड़ियां गीली होने के कारण खाना बनाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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²श्य दो : गैंसड़ी विकास खंड क्षेत्र के थरूवा-थरूनिया गांव स्थित है। इस गांव में 1300 परिवार आबाद है। बूढ़ी राप्ती के उफान से गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया है। चहुंओर पानी ही पानी नजर आता है। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। पशुओं के चारे का संकट पैदा हो गया है। घनश्याम ने बताया कि दूध बेचने के लिए वह लोग गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। शौचालयों में पानी भर गया है। पेयजल के लिए लगे इंडिया मार्का हैंडपंप पानी में डूब गए हैं। दूषित पानी उन लोगों को पीकर प्यास बुझानी पड़ रही है। ²श्य तीन : गैंसड़ी विकास खंड क्षेत्र के अंबरनगर, कोइलखार, बगनहा, डुड़वा, मनियरिया, सदर विकास क्षेत्र के नेवरी, सिगवापुर, बाणी बिजलिया, बड़ईपुरवा व हन्नहवा गांव भी पूरी तरह से पानी से घिर चुके हैं। इन गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन गांवों के बाशिदे घरों में कैद में रहने को विवश हो गए हैं। जिम्मेदार के बोल

-अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। जरूरतमंदों की सहायता की जाएगी। नाव का इंतजाम करवा दिया गया है।


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