बाढ़ आने पर आई बचाव की याद, बह रहे सारे इंतजाम
साहिबानगर गांव में नौ करोड़ से बचाव का किया जा रहा दावा पानी में बह रहा बजट
बलरामपुर : जिले में लगातार हो रही बारिश से राप्ती नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। राप्ती नदी चेतावनी बिदु से 103.620 से छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिससे तटवर्ती गांव के लोगों को बाढ़ की चिता सताने लगी है। ललिया क्षेत्र के सहिबानगर गांव में कटान तेज हो गई है। जिससे ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है। ग्रामीण पल-पल अपनी तरफ बढ़ती तबाही को देखकर दहशत में हैं। उधर बाढ़ खंड के अफसर बचाव का बजट पानी में बहाकर सब कुछ ठीकठाक होने का ढिढोरा पीट रहे हैं।
पानी में बह रहा बजट :-ललिया क्षेत्र के सहिबानगर गांव में नदी तेजी से कटान कर रही है। बाढ़ निरोधक कार्य के लिए नौ करोड़ रुपये की लागत से कार्य कराया जा रहा है। जिसमें करीब 70 प्रतिशत कार्य पूरा होने का दावा अफसर कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि मिट्टी भरी बोरियां, परक्यूपाइन व बल्लियां डालकर कोरम पूरा किया जा रहा है। ग्रामीण तीर्थराम का कहना है कि हर साल नदी कटान करती है, लेकिन बाढ़ आने के बाद ही बचाव का काम शुरू होता है। पप्पू तिवारी का कहना है कि गांव के 12 मकान नदी की कटान में समा चुके हैं, लेकिन बाढ़ खंड के अफसर कार्यदायी संस्था के भरोसे बचाव का दम भर रहे हैं। माता प्रसाद का कहना है कि नदी की कटान रुकने का नाम नहीं ले रही है। जिससे तबाही का मंजर सामने है। सीताराम का कहना है कि बाढ़ आने के बाद से अफसर गांव आए और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने ही गांव की सुधि लेना मुनासिब समझा।
बोले जिम्मेदार :-अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड केके दिवाकर का कहना है कि कटान निरोधक कार्य तेजी से कराया जा रहा है। सहायक व अवर अभियंता से जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी।