टीबी के मुफ्त इलाज का प्रचार, मरीज मंहगी दवा खरीदने को लाचार
डाक्टर के खास पैथोलाजी पर करानी होती है जांच कमीशन के खेल में लुट रहे टीबी मरीज
बलरामपुर: सरकार भले ही मुफ्त इलाज देकर टीबी मुक्त देश बनाने में जुटी है, लेकिन जिले में टीबी के इलाज के नाम पर लूट मची है। स्वास्थ्य, शिक्षा व पुलिस समेत विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता मेहनत कर मरीजों की खोज की। वहीं, मरीज जब इलाज के लिए जिला क्षय रोग अस्पताल पर आए तो उनकी जेब तक खाली करा ली जा रही है।
अस्पताल के आसपास निजी जांच केंद्रों व मेडिकल स्टोर से बंधे कमीशन के चक्कर में जिला क्षय रोग अधिकारी बाहर से जांच व दवाएं लिख रहे हैं। अधिकांश दवाएं बाहर से मंगाए जाने के कारण मरीजों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। यही नहीं कई आर्थिक कमजोर मरीजों के पास किराए के पैसे तक नहीं बचते हैं, लेकिन फिर भी बाहर से जांच व दवा का खेल जारी है।
जिला क्षय रोग अधिकारी मेडिकल स्टोर का थमा रहे पर्चा :
निजामुद्दीन को उम्मीद थी कि इलाज मुफ्त होगा, लेकिन पहली बार में उसे चार हजार की दवा बाहर से लेनी पड़ी। इसके बाद से दवाएं बाहर से ही मंगवाने का सिलसिला अब तक चल रहा है। शनिवार को भी उसे 2800 रुपये की दवा बाहर से खरीदनी पड़ी। सीलम सुबह ही आ गई थी, लेकिन दोपहर दो बजे तक उसे इलाज नहीं मिला। बाद में उसे श्रीदत्तगंज भेज दिया गया। पंकज ने बताया कि सभी जांच व दवाएं बाहर से लेनी पड़ती है। भानू ने बताया कि 2600 रुपये की दवा बाहर से खरीदी है। सलीम ने बताया कि बताए मेडिकल स्टोर पर दवा न लेने पर वापस करा दिया जाता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी संजीवन लाल ने बताया कि जो टीबी मरीज आते हैं, उनमें कुछ गंभीर होते हैं। कुछ आवश्यक दवाएं उपलब्ध न होने पर उन्हें बाहर से मंगवाना पड़ता है। सीएमओ डा. विजय बहादुर सिंह ने बताया कि प्रकरण गंभीर है। जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।