सात दिन में 432 किलोमीटर सड़क को गढ्डामुक्त करने की चुनौती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीखे तेवर ने लोक निर्माण विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 30 नवंबर तक जिले की 432 किलोमीटर सड़क को गड्ढामुक्त करना है। जिसमें से 166 किलोमीटर पैचवर्क का दावा अधिकारी कर रहे हैं। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्र की 1900 किमी सड़क की मरम्मत होनी है। इनमें छोटे-बड़े मिलाकर करीब
रमन मिश्र, बलरामपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीखे तेवर ने लोक निर्माण विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 30 नवंबर तक जिले की 432 किलोमीटर सड़क को गढ्डामुक्त करना है। जिसमें से 166 किलोमीटर पैचवर्क का दावा अधिकारी कर रहे हैं। यही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र की 1900 किमी सड़क की मरम्मत होनी है। इनमें छोटे-बड़े मिलाकर करीब 80 पुल भी शामिल हैं, जो बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे।
20 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जहां से फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है। ऐसे में सात दिनों में सड़कों के गढ्डे भरने का लक्ष्य मुश्किल नजर आ रहा है।
वाहनों के पहिए थमे : ललिया, हरैया, तुलसीपुर, जरवा, पचपेड़वा, सादुल्लाहनगर, उतरौला, गैंडास बुजुर्ग, सदर, गौरा चौराहा, रेहराबाजार के ग्रामीण अंचल की सड़कें गढ्डों में तब्दील हो चुकी है। 14 नंवबर तक इन मार्गों को गढ्डामुक्त किए जाने का आदेश था, लेकिन तय तिथि बीत गई और लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में सड़कों के गढ्डे न भरे जाने पर चेतावनी दी कि 30 नवंबर तक हरहालत में काम पूरा कर लिया जाए।
बाढ़ व बारिश से बह गए डिप व पुल : हरैया, महराजगंज, गौरा चौराहा, उतरौला, गैंडास बुजुर्ग, पचपेड़वा, गैंसड़ी ललिया व तुलसीपुर क्षेत्र की कई मुख्य मार्ग बाढ़ व बरसात के पानी में पुल व डिप बह गए। इससे करीब पांच लाख लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया। विभाग ने 80 पुल व 78 डिप का निर्माण करवाने के लिए बजट की मांग की थी, लेकिन पैसे नहीं मिल सके।
जिम्मेदार के बोल : लोनिवि के अधिशासी अभियंता व नोडल अधिकारी मेघ प्रकाश का कहना है कि 20 करोड़ की डिमांड शासन से की है। आठ करोड़ रुपये पुल व डिप निर्माण के लिए चाहिए। किसानों की समस्याओं को देखते हुए सहायक व अवर अभियंताओं को सड़क के गढ्डे भरने का निर्देश दिया है। शीघ्र ही सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर लिया जाएगा।