हत्या के मामले में सात को आजीवन कारावास
जमीन विवाद को लेकर हुई हत्या के मामले में सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र सिंह प्रथम ने सात आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपितों को अर्थदंड से भी दंडित किया है।
बलरामपुर : जमीन विवाद को लेकर हुई हत्या के मामले में सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र सिंह प्रथम ने सात आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपितों को अर्थदंड से भी दंडित किया है।
मामला उतरौला कोतवाली क्षेत्र के हरिकिशना गांव का है। यहां के निवासी विस्मिल्ला ने दी गई तहरीर में कहा कि गांव के निजामुद्दीन से उसका जमीन का विवाद चल रहा था। जिसका मुकदमा सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत पर चल रहा था। जिस पर स्थगन आदेश था। आठ अक्टूबर 2012 को समय करीब 11.30 बजे दिन में आरोपित विवादित जमीन पर दीवार बनवाने लगे। उसके विरोध करने पर बेटे गुलाम गौस व गुलाम रसूल पर हमला बोल दिया। जान से मारने की नियत से निजामुद्दीन ने सब्बल व अन्य आरोपितों ने लाठियों से गुलाम गौस व गुलाम रसूल का पीट कर लहुलुहान कर दिया। आसपास के लोगों के पहुंचने पर वह लोग भाग खड़े हुए। दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने गुलाम गौस को मृत घोषित कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कुलदीप सिंह के मुताबिक अभियोजन की तरफ से आठ साक्ष्यों व बचाव पक्ष से पांच साक्षियों को परीक्षित कराया गया। सत्र न्यायाधीश ने मामले संदेह से परे मानते हुए दोषसिद्ध करार दिया। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने मैनुद्दीन, अली हसन उर्फ अली, निजामुद्दीन, अकलीम, कमालुद्दीन, लाला उर्फ लाल मुहम्मद व मुहम्मद अली निवासीगण हरिकिशना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।