जवाब देने से कतरा रहे सरपंच, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
खरीद के लिए पहले ही हो चुकी है जोरआजमाइश अब बचाव के लिए बिछा रहे राजनीति की गोटी
बलरामपुर : कोविड किट खरीद की जांच शुरू होते ही ग्राम पंचायतों में हलचल तेज हो गई है। लखनऊ से फोन आते ही ग्राम प्रधान जवाब देने से कांप रहे हैं। वह कोविड किट की खरीद से किनारा कर सब कुछ ग्राम पंचायत सचिव की जिम्मेदारी बता रहे हैं। हालांकि मुख्यालय से आ रही फोन कॉल पर ग्राम प्रधानों का जांच अधिकारियों के सवालों का सीधा जवाब न दे पाना पंचायत विभाग के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
सचिवों व प्रधानों की अनबन से बढ़ी सकती है मुसीबत :
सचिवों व प्रधानों की अनबन पूरा खेल बिगाड़ सकती है। ग्राम पंचायतों में कोविड किट स्वास्थ्य विभाग के जरिए खरीदकर आशा को दिया जाना था, लेकिन बजट न होने के चलते ऐसा नहीं हो सका। तय किया गया कि कोविड किट का मूल्य ग्राम पंचायतें भुगतान करेंगी। इस पर प्रधानों व पंचायत सचिवों ने आपत्ति लगाई कि जब भुगतान उन्हें करना है, तो फिर खरीद भी वही करेंगे। आखिरकार किसी तरह कोविड किट खरीद हो गई। अब जांच शुरू होने पर सबकी गर्दन फंसती नजर आ रही है। ---------------------
कोई गड़बड़ी नहीं है। जितना सामान लिया गया है, उतना ही भुगतान किया गया है। शासनादेश मिलते ही नए निर्देश के मुताबिक भुगतान किया गया। जिन ग्राम पंचायतों ने शासनादेश के आने के पहले भुगतान किया था, वहां अतिरिक्त मास्क व सैनिटाइजर दिए गए हैं। जांच में सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को सहयोग करने की हिदायत दी गई है।
नीलेश प्रताप सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी