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वर्षा का जल संरक्षित करने को बनेंगे 560 तालाब

लघु तालाब का निर्माण लगभग 500 वर्ग फिट में होगा। बड़े तालाब का निर्माण 1085 वर्ग फीट में होगा। दोनों की गहराई तीन फीट रहेगी। खोदाई में निकलने वाली मिट्टी की चारों तरफ पटाई कर बांध बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 12:17 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 12:17 AM (IST)
वर्षा का जल संरक्षित करने को बनेंगे 560 तालाब
वर्षा का जल संरक्षित करने को बनेंगे 560 तालाब

त्रिपुरारी शंकर तिवारी, बलरामपुर प्रधानमंत्री सिचाई खेत तालाब योजना की सौगात किसानों को मिलेगी। असिचित क्षेत्र के किसानों के लिए यह योजना खुशियां लेकर आएगी। फसलों की सिचाई के साथ वर्षा का पानी संरक्षित कर जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए अब तक 52 लोगों ने आवेदन किया है। दो तरह के तालाबों का निर्माण कराया जाएगा। पीएम सिचाई से 40 व मनरेगा से 520 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य है।

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भूमि संरक्षण विभाग से संचालित योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी जमीन का अभिलेख (खसरा व खतौनी) आवेदन के समय देना होगा। मुख्यमंत्री पोटर्ल पर किसानों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर किसानों का चयन किया जाएगा। चयनित किसानों को उनके मोबाइल नंबर पर सूचना मिलेगी। लघु तालाब निर्माण के लिए एक लाख पांच हजार रुपये लागत है। बड़े तालाब की एक लाख 28 हजार 400 रुपये लागत है। इसमें विभाग 50 फीसद अनुदान देगा।

चारों तरफ बनेगा बांध : लघु तालाब का निर्माण लगभग 500 वर्ग फिट में होगा। बड़े तालाब का निर्माण 1085 वर्ग फीट में होगा। दोनों की गहराई तीन फीट रहेगी। खोदाई में निकलने वाली मिट्टी की चारों तरफ पटाई कर बांध बनाया जाएगा। इस पर पौधारोपण भी किया जाएगा। वर्षा का पानी खेतों में न जमा हो इसके लिए तालाब तक नाली भी बनेगी।

मनरेगा से बनेंगे 520 तालाब : डीसी मनरेगा महेंद्र देव ने बताया कि चालू सत्र में 520 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य है। अब तक 92 तालाब तैयार है। 58 का निर्माण चल रहा है।

चल रही चयन की प्रक्रिया : भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाष चंद्रा का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में 40 तालाबों का निर्माण कराया गया था। इस बार भी 40 का लक्ष्य है। गैंसड़ी, पचपेड़वा, तुलसीपुर व हरैया सतघरवा ब्लाक के किसान विशेषकर तालाब के लिए आवेदन करते हैं। योजना जिले के सभी नौ ब्लाक के लिए है। इसका उद्देश्य वर्षा जल संचयन करके खेतों की सिचाई व मत्स्य पालन कर किसानों की आय बढ़ाना है। भौतिक सत्यापन कर किसानों का चयन किया जाएगा। चयन की प्रक्रिया चल रही है।


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