वर्षा की बूंदों को सहेजकर बुझा रहे धरती की प्यसय
(बलरामपुर) धरती का हलक तर करने के लिए बारिश की बूंदों को सहेजा। इससे असिंचित क्षेत्र म
(बलरामपुर) : धरती का हलक तर करने के लिए बारिश की बूंदों को सहेजा। इससे असिंचित क्षेत्र में जल संकट का समाधान निकला और शीतलापुर गांव में तालाब के रूप में अमूल्य जल निधि भी संचयित हुई। यह सब तुलसीपुर चीनी मिल प्रशासन की ओर से जल संरक्षण की पहल पर हुआ।
कभी यह तालाब अपना अस्तित्व बचाने की गुहार लगा रहा था, लेकिन मिल प्रशासन की नजरें इनायत हुई तो इसकी सूरत बदल गई। मिल ने तालाब को गोद लेकर सीएसआर फंड से खोदाई कराकर गहरा कराया। चारों ओर बैठने के लिए बेंच व हरियाली के लिए पौधे रोपे। अब कभी पानी नहीं सूखता। आज यह तालाब बेसहारा बेजुबानों की प्यास बुझा रहा है।
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अतिक्रमण हटा तो मिला नवजीवन : शीतलापुर गांव में तालाब के एक तरफ सरकारी स्कूल व दूसरे छोर पर पंचायत सचिवालय बना हुआ है। अतिक्रमण के कारण धीरे-धीरे तालाब पटने लगा। ग्रामीण जयराम का कहना है कि पहले इस तालाब से खेतों की सिचाई भी कर ली जाती थी, लेकिन इसकी सफाई न होने से उसमें सिल्ट जमा हो गई। पानी थोड़े ही दिन में सूखने लगा। चीनी मिल प्रशासन ने बारिश के मौसम से पहले इसका कायाकल्प कर दिया। अब तालाब वर्षा जल से लबालब है।
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ऐसे आया जल संचयन का ख्याल :
चीनी मिल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि तालाब के आसपास प्रतिदिन सुबह टहलने जाते थे। तालाब की दुर्दशा देखकर चीनी मिल के अधिकारियों के सामने इसके रखरखाव की बात रखी। मिल अधिकारियों की सहमति के बाद सीएसआर फंड के माध्यम से तालाब का सुंदरीकरण कराया गया। वित्त महाप्रबंधक राजन राय का कहना है कि इस तालाब का अभी और सुंदर बनाया जाएगा।