नक्शे ने रोकी रेल लाइन के सर्वे की राह
जिले के जिन गांवों से होकर रेल लाइन गुजरेगी उन सभी 51 ग्राम पंचायतों का नक्शा रेलवे विभाग ने मांगा था। इनमें से महज 34 गांवों का नक्शा उपलब्ध कराया गया है। 17 गांवों का नक्शा न मिलने से सर्वे व भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रभावित है।
बलरामपुर : बहराइच-खलीलाबाद वाया बलरामपुर रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे के प्रयासों पर अधिकारियों की उदासीनता भारी पड़ रही है। जिले के 51 गांवों से होकर रेल लाइन गुजरेगी। इन गांवों का नक्शा रेलवे ने मांगा था। 34 गांवों का नक्शा उपलब्ध कराया गया, पर 17 गांवों का नक्शा न मिलने से सर्वे व भूमि अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है। इससे रेल लाइन बिछाने में विलंब हो रहा है।
सर्वे के लिए नामित संस्था रोली रंगोली ट्रेडर्स शांतिनगर गोरखपुर को नक्शा उपलब्ध कराने के लिए उप मुख्य इंजीनियर गोरखपुर ने पत्र दिया है। पर, संस्था के कर्मी पेड़रिया, छितरपारा, मुहम्मदपुर बंजरहा, बांकभवनीपुर, चिचुड़ी मुस्तहकम, चिचुड़ी संगहिया, डोबाडाबर, दारीचौरा, पुरैनाबुलंद, बजरमुंडा, बड़हराकोट, हबीबपुर, विसंभरपुर, बक्सरिया, पिड़िया खुर्द व पिपराराम गांव का नक्शा लेने के लिए दौड़ रहे हैं। सर्वे पूरा होने के बाद ही जमीन अधिग्रहण की विज्ञाप्ति जारी की जानी है।
गांवों का नक्शा दुरुस्त करने के लिए गोरखपुर की संस्था को जिम्मेदारी दी गई है। रेल पटरी के लिए 40 फीट जमीन का सर्वे कर भूमि अधिग्रहण शुरू कराया जाएगा। बलरामपुर से बहराइच व उतरौला को रेल लाइन से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने 4940 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। जिसमें से दस करोड़ रुपये जारी कर दिया गया है। रेल लाइन बनने से उतरौला, डुमरियागंज, श्रावस्ती के बाशिदों का सफर सुहाना हो जाएगा।
कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी का कहना है की गांवों का नक्शा उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। इसमें देरी पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शीघ्र ही भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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