लीड ::: अधर में तैयारी, स्कूलों में कैसे दूर रहेगी महामारी
विद्यालय परिसर व शौचालयों में गंदगी की भरमार साफ-सफाई के प्रति गंभीर नहीं हैं जिम्मेदार
बलरामपुर : वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दस माह से बंद प्राथमिक कक्षाओं का संचालन एक मार्च से शुरू हो जाएगा। शासन से मिली गाइड लाइन के अनुरूप कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। निजी विद्यालय प्रबंधकों ने सैनिटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिग की तैयारी का दावा कर रहे हैं।
वहीं, परिषदीय स्कूलों में अब तक साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन की दिशा में कोई प्रयास ही नहीं किया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने भी स्कूल के पहले दिन से ही बच्चों को मध्याह्न भोजन वितरण का फरमान जारी किया है। विभागीय अधिकारी एक मार्च से पहले सब कुछ दुरुस्त होने का दम भर रहे हैं। ऐसे में बच्चों के आने पर स्थिति क्या होगी, इसे लेकर अभिभावक चिंता में हैं।
कुछ ऐसा है स्कूलों का हाल :
- शिक्षा क्षेत्र रेहराबाजार के प्राथमिक विद्यालय गूमाफातमाजोत में साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं की गई है। प्रधानाध्यापक साहिला खान ने बताया कि सफाई कर्मी की तैनाती न होने के कारण परेशानी होती है। किराए पर साफ-सफाई करनी पड़ती है।
प्राथमिक विद्यालय किशुनपुर सागर के परिसर में घास-फूस व गंदगी का अंबार लगा हुआ है। शौचालय का पानी बाहर तक फैला मिला। हैंडवॉश में भी गंदगी की भरमार है। इस बाबत प्रधानाध्यापक श्रीकुमार वर्मा ने बताया कि एक मार्च से बच्चों को आना है। तब तक सब ठीक करा लिया जाएगा।
वहीं, प्राथमिक विद्यालय विलासपुर में हैंडपंप के चारों तरफ गंदगी बिखरी मिली। परिसर व शौचालय में भी गंदगी की भरमार दिखी। सहायक अध्यापक अजय कुमार वर्मा ने बताया कि प्रधानाचार्य बृजेश कुमार ने डिस्पेंसरी का सामान बॉक्स में रखा है। वह संकुल बैठक में गए हैं।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई :
- बीएसए डॉ. रामचंद्र ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में सभी कक्षाओं के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी भंडार कक्ष, पानी की टंकी, रसोई, शौचालय, प्रयोगशाला व पुस्कालय आदि की साफ-सफाई के निर्देश दिए गए हैं। विद्यालय में आकस्मिक सुरक्षात्मक संबंधी तैयारी के लिए विद्यालय प्रबंध समिति व शिक्षक उत्तरदायी होंगे। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।