बिजली जाते ही बंद हो जाते वार्ड में लगे पंखे, मरीज परेशान
जनरेटर के डीजल के लिए नहीं मिला बजट व इन्वर्टर भी खराब घर से लेकर आते हाथ वाला पंखा
बलरामपुर : भीषण गर्मी में बिजली कटौती से आमजन बेहाल हैं। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीजों का दर्द बढ़ जाता है। अस्पताल में जनरेटर है, लेकिन डीजल के लिए बजट न मिलने के कारण चलता नहीं है। इन्वर्टर भी नहीं है। ऐसे में मरीजों को घर से हाथ वाला पंखा लेकर आना पड़ता है। मरीज और तीमारदारों के साथ चिकित्सक व कर्मी भी बिजली जाते ही पसीना-पसीना हो जाते हैं। उमस और गर्मी में बिजली की मांग बढ़ गई है। शहर से लेकर गांव तक बिजली कटौती हो रही है। गांवों में बिजली आपूर्ति का कोई समय नहीं है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। श्रीदत्तगंज वासियों को छह घंटे की बिजली कटौती झेलनी पड़ती है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती मरीजों और तीमारदारों को सबसे अधिक परेशानी होती है। अस्पताल के वार्डों में पंखे लगे हैं, लेकिन चलते नहीं हैं। बिजली जाते ही पंखे बंद हो जाते हैं। वार्ड में गीता समेत चार मरीज भर्ती मिलीं। बिजली नहीं थी। रामसमुज और अकरम ने बताया कि अस्पताल में पंखा नहीं चलता है। हाथ वाला पंखा घर से साथ लाना पड़ता है। नहीं चलता जनरेटर :
- सीएचसी के पास अपना जनरेटर है, लेकिन बिजली जाने के बाद चलाया नहीं जाता है। इससे मरीज, तीमारदार व स्वास्थ्य कर्मियों को परेशानी होती है। साथ ही कोल्ड चेन में रखी वैक्सीन खराब होने की भी आशंका बनी रहती है। अधीक्षक डा. विकल्प मिश्र का कहना है कि जेनरेटर के तेल के लिए बजट नहीं मिला है। बिजली जाने पर जनरेटर चलाया नहीं जाता है। इन्वर्टर भी खराब है। बजट मिलते ही इन्वर्टर की व्यवस्था की जाएगी। गर्मी से बचाव के लिए पंखे व कूलर लगे हैं जो बिजली रहने पर ही चलते हैं।