17 दिन में दर्ज हुईं 103 शिकायतें
संवाद सूत्र, उतरौला (बलरामपुर) : अब पुलिस में की जाने वाली हर शिकायतों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। कोई भी प्रार्थनापत्र सीधे आरक्षियों के हाथ में नहीं जाएगा। फरियादी को शिकायत के बदले छपी हुई रसीद दी जाएगी। इसमें प्रार्थना आवेदक, विपक्षी व शिकायत की जांच करने वाले पुलिसकर्मी का नाम व मोबाइल नंबर दर्ज रहेगा। सभी शिकायतों की निस्तारण की प्रगति शिकायत पंजिका में दर्ज की जाएगी। एसपी के निर्देश पर एक जनवरी से शुरू हुए इस प्रणाली में अठारह जनवरी तक एक सौ तीन शिकायतें आ चुकीं हैं। सीओ मनोज यादव ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की कार्य प्रणाली को पारदर्शी बनाने में यह तकनीक कारगर सिद्ध हो रही है। छोटे-छोटे मामलों को उभय पक्षों की सहमति से सुलह कराने का प्रयास किया जाता है। गंभीर अपराधों जैसे दहेज उत्पीड़न, हत्या, दुराचार में तत्काल एफआइआर दर्ज की जाती है।
बलरामपुर :अब पुलिस में की जाने वाली हर शिकायतों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। कोई भी प्रार्थनापत्र सीधे आरक्षियों के हाथ में नहीं जाएगा। फरियादी को शिकायत के बदले छपी हुई रसीद दी जाएगी। इसमें प्रार्थना आवेदक, विपक्षी व शिकायत की जांच करने वाले पुलिसकर्मी का नाम एवं मोबाइल नंबर दर्ज रहेगा। सभी शिकायतों की निस्तारण की प्रगति शिकायत पंजिका में दर्ज की जाएगी। एसपी के निर्देश पर एक जनवरी से शुरू हुए इस प्रणाली में 17 जनवरी तक 103 शिकायतें आ चुकीं हैं। सीओ मनोज यादव ने बताया कि पुलिस की कार्य प्रणाली को पारदर्शी बनाने में यह तकनीक कारगर सिद्ध हो रही है। छोटे-छोटे मामलों को उभयपक्षों की सहमति से सुलह कराने का प्रयास किया जाता है। गंभीर अपराधों जैसे दहेज उत्पीड़न, हत्या व दुष्कर्म में तत्काल एफआइआर दर्ज की जाती है।