पुलिस ने भाजपा सभासदों को पीटा, आंदोलन की चेतावनी
दो भाइयों का विवाद सुलझाने में उलझे सभासद और पुलिस एक-दूसरे पर मढ़ रहे आरोप।
संवादसूत्र, बलरामपुर :
नगर के पहलवारा मुहल्ला निवासी दो भाइयों का विवाद सुलझाने आई पुलिस से उलझना भाजपा सभासदों को महंगा पड़ गया। सिपाहियों से अभद्रता करने पर पहलवारा वार्ड के सभासद विनोद गिरि को पुलिस ने पीट दिया। समर्थन में आए नई बाजार वार्ड के सभासद पुनीत मिश्र अंशू ने भी पुलिस से अभद्रता की। जो प्रशासन को नागंवार गुजरा। पुलिस दोनों सभासदों को पीटते हुए नगर कोतवाली ले आई। देर रात तक चले हाई-वोल्टेज ड्रामा के बाद राजनीतिक दबाव में दोनों सभासदों को छोड़ दिया गया। उधर सभासद एसोसिएशन ने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बताया जाता है कि शनिवार की रात पहलवारा निवासी शिवशंकर यादव व उसके भाई उमाशंकर यादव के बीच पिता को खाना देने को लेकर विवाद हो गया। यूपी डायल 112 पर शिकायत पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। मुहल्ले के भाजपा सभासद विनोद गिरि भी उमाशंकर यादव के घर के सामने आ गए। विनोद का कहना है कि वह दोनों भाइयों का झगड़ा शांत करा ही रहा था कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। सूचना पर पहुंचे नई बाजार के भाजपा सभासद पुनीत मिश्र अंशू को भी पुलिसकर्मियों ने लाठी-डंडे से मारा-पीटा। इससे उन्हें गंभीर चोटें आईं हैं। पूरे घटनाक्रम की मुहल्लेवासियों ने वीडियो भी बनाई है। नगर कोतवाल संजय दुबे का कहना है कि पुलिस दोनों भाइयों का विवाद समाप्त करा रही थी। तभी एक भाई ने सभासद विनोद गिरि को बुला लिया। वह पहुंचते ही बिगड़ गए कि मुझे सूचना दिए बगैर मुहल्ले में पुलिस कैसे आ गई। महिला व पुरुष सिपाहियों से अभद्रता की। उन्होंने अपने साथी सभासद पुनीत मिश्र को भी बुला लिया। वह भी पुलिसकर्मियों से अभद्रता कर रहे थे। विवाद कर रहे लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी भी शुरू करा दी। इस पर दोनों सभासदों को कोतवाली लाया गया। देर रात सीओ सिटी वरुण मिश्र से वार्ता के बाद मामला समाप्त कर दोनों सभासदों को छोड़ दिया गया।
आंदोलन की चेतावनी :
-सभासद विनोद गिरि व पुनीत मिश्र की पुलिस से मारपीट पर सभासद एसोसिएशन उग्र हो गया है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली के साथ सभासद रवि मिश्र, राघवेंद्र कांत सिंह, करुणेश सिंह चौहान व माधव कश्यप ने राज्यमंत्री पल्टूराम से मिलकर आरोपित पुलिसकर्मियों को निलंबित कराने की मांग की है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
चर्चा में है पुलिस का छोड़ना :
- चर्चा में है कि पुलिस ने सत्ता के दबाव में सभासदों को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया। एक तरफ पुलिस सभासदों पर गंभीर आरोप लगा रही है। दूसरी तरफ मुकदमा भी नहीं दर्ज किया।