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मतदान केंद्रों पर दुश्वारी, कागजों में हो रही तैयारी

बिजली कनेक्शन तो कहीं रैंप का अभाव पोलिग पार्टी व मतदाताओं को हो सकती है परेशानी

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 10:41 PM (IST)
मतदान केंद्रों पर दुश्वारी, कागजों में हो रही तैयारी
मतदान केंद्रों पर दुश्वारी, कागजों में हो रही तैयारी

बलरामपुर : मतदान केंद्रों को बेहतर करने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा खर्च करती है, लेकिन हालात नहीं सुधर रहे हैं। तहसील क्षेत्र के अधिकांश मतदान केंद्रों पर बिजली की व्यवस्था नहीं है। 200 मीटर परिधि के अंदर ग्रामीणों के आवास एक चुनौती बनकर सामने आते हैं। पेयजल की किल्लत तो कहीं बदहाल शौचालय पोलिग पार्टियों व मतदाताओं की परेशानी बढ़ा सकते हैं। इन सभी झंझावातों के बीच मतदाता अपना जनप्रतिनिधि चुनने को विवश होते हैं। इन्हीं समस्याओं को दर्शाती एक रिपोर्ट : दृश्य एक : प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर में चहारदीवारी नहीं है। विद्यालय सड़क से सटा हुआ है। भवन की फर्श जर्जर व खिड़कियां टूटी हुईं हैं। बिजली का कनेक्शन नहीं है। रैंप न होना दिव्यांग मतदाताओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। शौचालय निष्प्रयोज्य व छत जर्जर हैं। ऐसे में पोलिग पार्टियों को यहां दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।

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दृश्य दो : कंपोजिट विद्यालय माधवडीह को मतदान केंद्र बनाया जाता है। यहां पर बिजली का कनेक्शन तो है, लेकिन वायरिग खराब है। पेयजल की व्यवस्था के लिए लगा नल खराब है। इस गांव की आबादी करीब 2700 है। यहां पर मोतीपुर व माधवडीह के लोग मतदान करने आते हैं।

दृश्य तीन : मतदान केंद्र प्राथमिक विद्यालय रनियापुर में समस्याओं का अंबार है। यहां भी रैंप व बिजली कनेक्शन नहीं है। ऐसे में चुनाव से पहले विद्यालय को ऊर्जीकृत करने की चुनौती है।

दृश्य चार : मतदान केंद्र जूनियर हाई स्कूल शीतलापुर में परिसर का अभाव है। तालाब के तट पर बना यह विद्यालय काफी ऊंचाई पर है। यहां पर रैंप तो बनाया गया है, लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं है।

समस्याओं का होगा निराकरण :

- एसडीएम विनोद सिंह का कहना है कि ज्यादातर मतदान केंद्रों पर बिजली कनेक्शन की समस्या है। चुनाव के पहले सभी समस्याओं का निराकरण करा दिया जाएगा। पोलिग पार्टी व मतदाताओं को सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

आज से बीडीओ पढ़ेंगे आरक्षण तय करने का पाठ

बलरामपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। प्रशासनिक तैयारियां तेज हैं। गांवों में प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत व ग्राम पंचायत सदस्य पद के वार्ड आरक्षण की चर्चा जोरों पर है। लखनऊ में दो दिवसीय प्रशिक्षण में जिला पंचायतराज अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी ने आरक्षण तय करने का फार्मूला सीखा। इसके बाद गुरुवार से जिला स्तर पर खंड विकास अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। 14 मार्च को सभी पदों के आरक्षण की सूची जारी होगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम श्रुति ने बताया कि सभी पदों के आरक्षित क्षेत्र तय करने का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। 18 व 19 फरवरी को विकास भवन सभागार में खंड विकास अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधान, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के आवंटन का प्रस्ताव 20 फरवरी से एक मार्च तक तैयार किया जाएगा। दो से तीन मार्च तक प्रस्तावित सूची का प्रकाशन किया जाएगा। चार से आठ मार्च तक प्रस्तावित सूची पर आपत्तियां ली जाएंगी। नौ मार्च को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय पर एकत्रीकरण किया जाएगा। 10 से 12 मार्च तक समिति आपत्तियों का परीक्षण कर निस्तारण कर अंतिम रूप से सूची तैयार की जाएगी। 13 से 14 मार्च तक ग्राम प्रधान, सदस्य, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत पदों के आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी।


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