Move to Jagran APP

नेपाल सीमा पर स्वागत गेट और मंदिर के सुंदरीकरण में अनापत्ति प्रमाण पत्र का रोड़ा

कोइलाबास में छह माह पहले किया गया था शिलान्यास रहिया देवी मंदिर में 12 पिलर से आगे नहीं बढ़ा कार्य।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jun 2022 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jun 2022 10:12 PM (IST)
नेपाल सीमा पर स्वागत गेट और मंदिर के सुंदरीकरण में अनापत्ति प्रमाण पत्र का रोड़ा
नेपाल सीमा पर स्वागत गेट और मंदिर के सुंदरीकरण में अनापत्ति प्रमाण पत्र का रोड़ा

संवादसूत्र, गैंसड़ी (बलरामपुर) :

loksabha election banner

सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित रहिया देवी मंदिर के सुंदरीकरण, पर्यटन विकास कार्य व जरवा कोइलाबास सीमा पर स्वागत गेट का निर्माण एवं प्रकाश व्यवस्था का कार्य बजट आवंटन के बाद भी नहीं शुरू हुआ। इन कार्यों का शिलान्यास छह माह पहले दिसंबर में ही किया गया था। अब वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र कार्यदायी संस्था को न मिलना वजह बताई जा रही है।

भारत नेपाल सीमा पर 452 वर्ग किमी में सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। कोइलाबास में दोनों देश के लोगों का आवागमन है। यहां पर नेपाल की तरफ स्वागत गेट वर्षों पहले से बना है। भारतीय सीमा में भी करीब 114.19 लाख रूपये की लागत से स्वागत गेट बनना है। तत्कालीन विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू के प्रस्ताव पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिलान्यास किया था। कार्यदायी संस्था प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग को गेट निर्माण एवं प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन शिलापट्ट लगाने से आगे का कार्य नहीं शुरू हो सका। इसी तरह जंगल में दारानाला के तट पर थारू जनजाति की आराध्य देवी मां बाराही देवी के मंदिर का सुंदरीकरण एवं पर्यटन विकास कार्य के लिए 49.19 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 मार्च 2021 को इसका शिलान्यास भी किया। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड ने 12 पिलरों का निर्माण किया, लेकिन वन विभाग ने कार्य रोक दिया। पूर्व विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह दोनों प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण हैं। इसी उद्देश्य से शासन से इसकी स्वीकृति कराईं गई थी। बजट भी आवंटित है। वनविभाग के मुख्य वनरक्षक से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने की उम्मीद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.