टीबी अस्पताल में लापरवाही का संक्रमण, एक्स-रे सुविधा पर भी ग्रहण
निजी पैथोलाजी पर लुट रहे मरीज व तीमारदार संयुक्त चिकित्सालय में भी नहीं मिल रही रिपोर्ट
बलरामपुर : सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है, लेकिन यहां इलाज की सुविधाओं पर लापरवाही का ग्रहण लग गया है। जिला क्षय रोग अस्पताल में साल भर से लाखों रुपये की एक्स-रे मशीन कबाड़ हो रही है। वहीं, मरीज निजी पैथोलाजी पर जांच कराने को मजबूर हैं।
साल भर पहले जब मशीन मिली थी तो टीबी मरीजों को उम्मीद जगी थी कि अब एक्स-रे के लिए भागदौड़ करने से बच जाएंगे। अस्पताल में ही जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। छह माह तक मशीन पैक ही रखी रही। दो माह पूर्व कंपनी से आए इंजीनियर ने मशीन शुरू कर कर एक्स-रे सुविधा का ट्रायल करा दिया, लेकिन जांच तब भी नहीं शुरू हो सकी। एक्स-रे जांच के नाम पर निजी पैथोलाजी के संचालक गरीब मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे हैं जबकि जिम्मेदार बहाना कर रहे हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सजीवन लाल का कहना है कि एक्स-रे टेक्नीशियन नहीं है। उसके मिलते ही मरीजों को सुविधा मिलने लगेगी।
रिपोर्ट के लिए वाट्सएप नंबर जरूरी :
टीबी मरीजों को पहले एक्स-रे के लिए निजी पैथोलाजी भेजा जाता है, जहां उनकी जेब खाली कर दी जाती है। कहने को संयुक्त अस्पताल में जांच मुफ्त होती है, लेकिन रिपोर्ट देने के नाम पर परेशान किया जाता है। रिपोर्ट देने के लिए वाट्सएप नंबर मांगा जाता है। यदि न हो तो फिर रिपोर्ट नहीं मिल पाती।
एक्स-रे टेक्नीशियन जीपी त्रिपाठी का कहना है कि एक्स-रे प्लेट खत्म है। कुछ प्लेट इमरजेंसी में हैं, जो गंभीर मरीजों के लिए हैं। अन्य को रिपोर्ट वाट्सएप पर ही दी जाती हैं। अब सवाल यह है कि यदि किसी के पास वाट्सएप नहीं है, तो वह रिपोर्ट कैसे मंगाए।
इस बाबत सीएमएस डा. नानक सरन का कहना है कि एक्स-रे प्लेट खत्म हो गई है। शासन से मांग की गई है। मरीजों को वाट्सएप पर जांच रिपोर्ट दी जाती है। जिनके पास वाट्सएप नहीं है, वे मरीज डाक्टर के नंबर पर अपनी रिपोर्ट मंगा सकते हैं।