गांव में मकानों का मिलेगा अभिलेख, ड्रोन से होगा सर्वे
पूर्वजों की विरासत संभाल ग्रामीण वहीं आबाद हैं लेकिन मकान का कोई कागज उनके पास नहीं है।
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर
गांवों में आवासित आबादी की स्थिति मजबूत करने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की गई है। इससे आबादी क्षेत्रों का सीमांकन ड्रोन सर्वेक्षण के सहयोग से कर गृह स्वामियों को अभिलेख उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे उनको बैंक से ऋण मिलने के साथ अन्य वित्तीय लाभ आसानी से मिल सके। इस योजना से संपत्ति कर का निर्धारण होगा, जो सीधे ग्राम पंचायतों को प्राप्त होगा। साथ ही मानचित्र निर्माण से संपत्ति विवाद के मामले भी कम होंगे।
भारत सरकार की स्वामित्व योजना से गांव में बने आवासों का भी अभिलेख बन जाएगा। वर्तमान में ग्रामीणों के पास उनके मकान से संबंधित कोई अभिलेख नहीं है। पूर्वजों की विरासत संभाल ग्रामीण वहीं आबाद हैं, लेकिन मकान का कोई कागज उनके पास नहीं है। जिससे विवाद की स्थिति में उनके काम आ सके। और न ही मकान पर उनको बैंक से कर्ज या अन्य वित्तीय सहायता मिलती है। जिनके पास खेत है। उनको ही वित्तीय सहायता बैंक से मिलती है। जिनके पास खेत नहीं है। उनको लाभ नहीं मिलता है।
तीन विभाग करेंगे सर्वे : पंचायती राज, राजस्व व भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से स्वामित्व योजना के तहत सर्वे का कार्य किया जाएगा। स्टीक सर्वे के लिए ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। जिससे किसी तरह की चूक न हो सके।
तैयार होगा जीआइएस मानचित्र : व्यक्तिगत ग्रामीण संपत्ति के सीमांकन के अलावा ग्राम पंचायत व अन्य सामुदायिक संपत्ति गांव की सड़कें, तालाब, नहरें, खुले स्थान, स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य उप केंद्र आदि का भी सर्वेक्षण कर भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) से मानचित्र तैयार किया जाएगा। इस डेटाबेस से ग्राम पंचायतों के विकास का खाका तैयार करने में मदद करेगा। इसके उपयोग से बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने के लिए किया जाएगा।
शीघ्र होगी बैठक : एडीएम अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि भारत सरकार ने पायलट चरण में चयनित किया है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार तीनों विभागों के साथ बैठक कर सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।