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सैनिटाइजर डाल जिदा जलाए गए थे पत्रकार व हिदुत्ववादी कार्यकर्ता

हत्या में शामिल तीन आरोपित गए जेल दोनों के अलग-अलग दुश्मनों ने मिलकर बनाई थी योजना

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 10:47 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 10:47 PM (IST)
सैनिटाइजर डाल जिदा जलाए गए थे पत्रकार व हिदुत्ववादी कार्यकर्ता
सैनिटाइजर डाल जिदा जलाए गए थे पत्रकार व हिदुत्ववादी कार्यकर्ता

बलरामपुर : कलवारी गांव में शुक्रवार की रात पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक व विश्व हिदू महासंघ के नगर उपाध्यक्ष पिटू साहू को जिदा जलाने की घटना का पुलिस ने तीसरे दिन राजफाश कर दिया है। राकेश व पिटू के अलग-अलग दुश्मनों ने साथ मिल एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से आग लगाकर घटना को अंजाम दिया था। हत्या की वजह कमियां उजागर करती हुईं खबरें लिखना व पैसे का लेनदेन बताया जा रहा है। हत्या में शामिल देहात कोतवाली के विशुनीपुर निवासी ललित मिश्र, अकरम अली उर्फ अब्दुल कादिर व कलवारी निवासी केशवानंद मिश्र उर्फ रिकू को जेल रवाना किया गया है।

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27 नवंबर की रात कलवारी गांव में राकेश के आवास पर उसका साथी पिटू मौजूद था। रात करीब 11 बजे उसके बेडरूम से आग की लपटें उठने लगीं। कमरे की बाहर तरफ की दीवार ढह गई थी। कमरे के दरवाजे में बाहर से ताला बंद था। आग की लपटों में घिरकर पिटू की मौत हो गई थी। गंभीर रूप से झुलसे राकेश को संयुक्त अस्पताल पहुंचाया गया। हालत नाजुक होने पर लखनऊ रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। राकेश के मृत्यु पूर्व बयान व पिता मुन्ना सिंह की तहरीर के आधार पर पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों को उठाकर पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने सोमवार को घटना का राजफाश करते हुए बताया कि राकेश बेबाकी से खबरें लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल करता था। केशवानंद मिश्र उर्फ रिकू की मां कलवारी गांव की प्रधान हैं। यहां की कमियां उजागर करना उसे नागंवार गुजरा। उधर पिटू ने ललित मिश्र को अपनी पुरानी कार बेची थी, जिसका करीब दो लाख रुपया वह नहीं दे रहा था। बार-बार पैसा मांगना ललित को खल गया। इस पर ललित व रिकू ने मिलकर दोनों को सबक सिखाने की साजिश रच डाली। ललित ने अपने साथी अकरम को भी साजिश में मिला लिया। एसपी ने बताया कि अकरम आग लगाकर वारदाद को अंजाम देने में माहिर है। उसके खिलाफ श्रावस्ती के थाना इकौना में जलाकर मार डालने व गैंगस्टर के मुकदमे चल रहे हैं। घटना वाले दिन भगवतीगंज स्थित बियर की दुकान पर पिटू व ललित का लेनदेन को लेकर विवाद हो गया। ललित ने अकरम को बुला लिया। योजना के मुताबिक रिकू राकेश के आवास पर पहुंच गया। पिटू यहीं मौजूद था। रिकू ने पहले दोनों को खूब शराब पिलाई। नशे में होने के बाद पिटू बेड पर सो गया। राकेश बगल तख्त पर लेट गया। तभी रिकू ने ललित व अकरम को बुला लिया और दोनों पर सैनिटाइजर डालकर आग लगा दी। अग्निकांड की घटना का रूप देने की जल्दबाजी में आरोपित बाहर से ताला लगाकर मुख्य द्वार से निकल गए। लपटों से घिरने के बाद राकेश कमरे से बाहर निकलने के लिए दीवार को धक्का दी, जिससे एक ईंट की दीवार ढह गई।

22 बार मिलाया था राकेश का मोबाइल नंबर :

-घटना के राजफाश के लिए चार टीमें बनाई गईं थीं। सर्विलांस टीम की विवेचना में घटना वाले दिन तीनों आरोपितों के मोबाइल एक ही लोकेशन में मिले। रिकू ने राकेश को 22 बार फोन मिलाया था। पांच बार उसकी बात भी हुई थी।

विभा ने दी थी आत्मदाह की चेतावनी :-पत्रकार की पत्नी विभा सिंह निर्भीक ने दो दिन में घटना का राजफाश न होने पर डीएम कार्यालय के सामने बेटियों संग आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इस पर प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। 24 घंटे की भीतर ही घटना का राजफाश कर दिया।

अभी और लोग जाएंगे जेल :

-एसपी ने बताया कि मरने से पहले राकेश ने रिकू के बड़े भाई बाबू मिश्र का भी नाम लिया था। दिल की बीमारी से अस्पताल में भर्ती होने के कारण उनसे पूछताछ नहीं हुई है। स्वस्थ होते ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। कुछ अन्य संदिग्धों की पहचान की गई है। जल्द ही घटना में शामिल अन्य लोगों को जेल भेजा जाएगा।


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