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सेवानिवृत्ति के बाद वीरेंद्र को मिली योग गुरु की पहचान

बलरामपुर 60 साल की उम्र तक बैंक में प्रबंधक की कुर्सी संभालने वाले डा. वीरें

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jun 2022 11:56 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2022 11:56 PM (IST)
सेवानिवृत्ति के बाद वीरेंद्र को मिली योग गुरु की पहचान
सेवानिवृत्ति के बाद वीरेंद्र को मिली योग गुरु की पहचान

श्लोक मिश्र, बलरामपुर :

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60 साल की उम्र तक बैंक में प्रबंधक की कुर्सी संभालने वाले डा. वीरेंद्र विक्रम सिंह सेवानिवृत्ति के बाद योग की अलख जगा रहे हैं। जिले से लेकर राज्य स्तर तक आयोजित होने वाले शिविरों में लोगों को योग के विभिन्न आसन व प्राणायाम के गुर सिखा रहे हैं। योग के क्षेत्र में उपलब्धि का आलम यह है कि जल नेति क्रिया समेत विभिन्न आसनों के लिए उनके नाम 18 विश्व रिकार्ड दर्ज हो चुके हैं। वर्तमान में वह योग गुरु के रूप में गांवों में, जिला कारागार, पुलिस लाइन, विद्यालयों व महाविद्यालयों में लोगों को बीमारी से बचने व ह्यूमिनिटी बढ़ाने के लिए निश्शुल्क योग सिखा रहे हैं।

बचपन की साधना को बुढ़ापे में भुनाया :

-वीरेंद्र विक्रम सिंह का योग के प्रति झुकाव बचपन में ही अचानक पिता शिवबक्श सिंह के अस्वस्थ होने के कारण हुआ। बीमार पिता को एलोपैथी के इलाज से आराम नहीं हुआ। एक दिन वह गोरखपुर स्थित आरोग्य निकेतन गए। वहां प्राकृतिक तरीकों से योग आदि के माध्यम से उपचार पर पूर्णतया स्वस्थ हो गए। वहां से वह योग की कुछ पुस्तकें लेकर आए। शिवबक्श ने बेटे वीरेंद्र के साथ योग करना शुद्ध किया। वीरेंद्र ने भी एक साधक की तरह योगाभ्यास शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्हें असाधरण योग करने का अभ्यास होता चला गया। इस साधना को उन्होंने अपनी नौकरी से रिटायर्ड होकर बुढ़ापे में भुनाना शुरू किया।

परिचित डीएम से मिली थी प्रेरणा :

-भारतीय स्टेट बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में वह संभल में तैनात थे। वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त होकर बलरामपुर लौट आए। सेवाकाल के दौरान उनका परिचय वहां के डीएम कर्ण सिंह चौहान से हुआ था। वह उन्हें योग सिखाने जाते थे। 2017 में कर्ण सिंह झांसी के डीएम बने तो एक योग कार्यक्रम में वीरेंद्र सिंह को आमंत्रित किया। वहां पर उन्होंने रिकार्ड बनाने के बारे में जानकारी दी। यहीं से वीरेंद्र सिंह ने योग के क्षेत्र में रिकार्ड बनाने की ठानी।

एसएसबी शिविर से हुई शुरुआत :

-वीरेंद्र विक्रम ने वर्ष 2018 में पहली बार एसएसबी में आयोजित शिविर में पहला रिकार्ड बनाया। पहले 18 प्रकार के शीर्षासन फिर 23 प्रकार के शीर्षासन करने का आश्चर्यजनक कारनामा कर अपना नाम गोल्डन बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया। 50 मिनट में पांच लीटर से अधिक पानी पीकर शंख प्रछालन विधि से उसे निकालकर पुन: 28 जून 2019 को अपना गोल्डन बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया। इसके बाद लिम्बा बुक आफ रिकार्ड, इंडिया बुक आफ रिकार्ड, एशिया बुक आफ रिकार्ड, गोल्डन बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड, यूनिक बुक आफ रिकार्ड, व‌र्ल्ड बुक रिकार्ड लंदन व योग व‌र्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया।


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