शिवशंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ..
बलरामपुर : मलमास के दूसरे सोमवार को जिले भर के शिव मंदिरों में भोर से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना
बलरामपुर : मलमास के दूसरे सोमवार को जिले भर के शिव मंदिरों में भोर से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, भांग, धतूरा व पुष्प के साथ शिव¨लग पर जलाभिषेक किया। मंदिरों में जलाभिषेक के लिए कतार में लगे भक्त बम-बम भोले, ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव के जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे थे। महिलाओं ने व्रत रखकर भोलेनाथ की आराधना की। नगर के झारखंडी मंदिर पर भोर से ही श्रद्धालु औढ़रदानी के पूजन-अर्चन को पहुंच गए। महिलाओं व पुरुषों ने अलग-अलग कतार में लगकर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसी तरह धर्मपुर स्थित झारखंडेश्वर महादेव मंदिर, राजापुर भरिया जंगल व गिधरैय्या के रेणुकानाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं ने शिव¨लग पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। उतरौला क्षेत्र के दु:खहरण नाथ मंदिर, पंचवटी, पिपलेश्वर, शिवगढ़ी, गुमड़ी के गुमड़ेश्वर महादेव मंदिर, रेहरा के पलिहर नाथ, करोहा नाथ, आदिशक्ति मंदिर पेहर व महदेइया समेत अन्य शिवमंदिरों पर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक व धार्मिक अनुष्ठान किए। तुलसीपुर के देवीपाटन स्थित प्राचीन शिव मंदिर, जोड़ग्गा पोखरा शिव मंदिर समेत अन्य शिवालयों पर भक्तों ने जलाभिषेक किया।
मलमास के सोमवार का विशेष महत्व
-हरिहरगंज स्थित रेणुकानाथ मंदिर के पुजारी विश्वनाथ गिरि का कहना है कि वैसे तो हर सोमवार को श्रद्धालु भोलेनाथ का पूजन-अर्चन व उपवास रख आराधना करते हैं लेकिन, मलमास में सोमवार का महत्व और बढ़ जाता है। मलमास तीन साल में एक माह के लिए लगता है जिसमें लोग अपने आराध्य महादेव को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस माह किए गए धार्मिक कार्यों का फल दस गुना अधिक मिलता है। इसलिए मलमास में श्रद्धालु विशेष पूजन करते हैं।