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कभी बैठते थे अंग्रेजी हुकूमत के तहसीलदार 'मथुरा'

हरैया सतघरवा (बलरामपुर) : विकास खंड के गांव मथुरा बाजार में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान त

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:01 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:01 PM (IST)
कभी बैठते थे अंग्रेजी हुकूमत के तहसीलदार 'मथुरा'
कभी बैठते थे अंग्रेजी हुकूमत के तहसीलदार 'मथुरा'

हरैया सतघरवा (बलरामपुर) : विकास खंड के गांव मथुरा बाजार में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान तहसीलदार रहते थे। लोगों के बसने के बाद मथुरा के नाम से ही ग्राम पंचायत व बाजार का नाम पड़ा। यह गांव शिक्षा व व्यवसाय के लिए जाना जाता है। यह तराई क्षेत्र की सबसे बड़ी आबादी वाला गांव है। जो श्रावस्ती व बलरामपुर जनपद की सीमा पर स्थित है।

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यह है खूबी : गांव में सांप्रदायिक एकता की मजबूती यहां की सबसे बड़ी विशेषता है। सभी पर्व ¨हदू व मुस्लिम मिलकर मनाते हैं। बाजार में भोलेशंकर का विशालकाय प्राकृतिक शिव¨लग है। साथ ही पीर हनीफ शरीफ की दरगाह है।

आधारभूत ढांचा : गांव में 12 मजरे हैं। 20 हजार से अधिक आबादी है। 12 हजार से अधिक मतदाता हैं। कान्वेंट स्कूल, अस्पताल, प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल व बैंक के साथ पिपर¨मट ऑयल का सबसे बड़ा व्यापार केंद्र है। गांव में पेयजल के लिए 400 हैंडपंप, पक्की नाली व सीसी रोड है। पेट्रोल पंप, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एएनएम सेंटर, दो इंटर कॉलेज व पुलिस चौकी स्थापित है।

इन पर नाज है : रामशंकर भारतीय इंटर कॉलेज के संस्थापक पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, पवन कुमार गुप्त चिकित्सक, रंजन कुमार कौशल आरक्षी, दीनानाथ द्विवेदी चिकित्सक, उमाशंकर गुप्त, सुभाष मिश्र, पीयूष मिश्र, इमामुल हक शिक्षक, राजेश कुमार सैनी इंजीनियर, शिवराम मिश्र फार्मासिस्ट बन गांव का मान बढ़ाया।

ये हो तो बने बात : बड़ी ग्राम पंचायत होने के कारण यहां चार सफाईकर्मी की तैनाती होनी चाहिए। ग्राम पंचायत में जर्जर बिजली तार को बदलकर केबल बिछाई जाए। गांव में बाजार होने के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक व एटीएम की आवश्यकता है। कोट

गांव में विकास कार्य थम गया है। कई पात्र शौचालय व आवास के लिए भटक रहे हैं। जलनिकासी व गंदगी ग्राम पंचायत की पहचान बन गई है। -कैलाशनाथ कसौंधन, पूर्व प्रधान -सभी पात्रों को योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास 22 हैं, 60 की आवश्यकता है। मथुरा बाजार में चौराहे से तिराहे तक पीडब्ल्यूडी सड़क का निर्माण, ओवरहेड टैंक, डिग्री कॉलेज की आवश्यकता है। -सगीर खान, प्रधान प्रतिनिधि

-बालिका शिक्षा के लिए ग‌र्ल्स कॉलेज व रोजगारपरक शिक्षण केंद्र की आवश्यकता है। ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा से वंचित न होना पड़े। -अंजली, छात्रा -मथुरा तराई क्षेत्र का सबसे बड़ा व पुराना बाजार है। शिक्षा के लिए दो इंटर कॉलेज हैं। डिग्री कॉलेज व शुद्ध पेयजल के लिए ओवरहेड टैंक होना चाहिए।

-सूरज कुमार, छात्र


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