अलग अल्ट्रासाउंड कराने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ ने फेंका पर्चा
पहले भी आ चुके हैं मरीजों से दुर्व्यवहार के मामले चिकित्सकों व कर्मियों ने बना रखा वसूली का अड्डा।
संवादसूत्र, बलरामपुर : मरीजों से दुर्व्यवहार को लेकर अक्सर चर्चा में रहे संयुक्त जिला चिकित्सालय में डाक्टरों की मनमानी नहीं थम रही है। शनिवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय में इलाज कराने आई अगया बुजुर्ग की नीतू को महिला सर्जन डा. मेधावी सिंह ने अल्ट्रासाउंड कराने निजी जांच केंद्र भेजा, लेकिन वह अलग से अल्ट्रासाउंड करा लाई। इससे नाराज चिकित्सक ने उसका पर्चा फेंक कर भगा दिया।
जिला संयुक्त चिकित्सालय में इलाज कराने आई महिला नीतू ने आरोप लगाया है कि उसने ओपीडी में जाकर महिला रोग विशेषज्ञ डा. मेधावी सिंह को अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड करा लेने की सलाह दी। वह उनके बताए अल्ट्रासाउंड सेंटर की जगह को भूल गई और दूसरे जांच केंद्र से अल्ट्रासाउंड करा लाई। रिपोर्ट लेकर वह जैसे ही चिकित्सक को दी वह भड़क गईं। पर्चा मेज से फेंकते हुए भगा दिया। चेतावनी दी कि जाइए हम इलाज नहीं कर पाएंगे। परेशान महिला ने अंत में दूसरी मंजिल पर जाकर डा. नैन्सी त्रिपाठी से इलाज कराया। डा. मेधावी सिंह के मोबाइल नंबर व वाट्सएप पर मैसेज भेजकर पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। गर्भवती भगाने को लेकर पहले भी बदनाम रहा अस्पताल :
चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की अपेक्षा पर खरे न उतरने वाले मरीजों से अभ्रदता आम बात है। इसके पहले भी कई बार आरोप लग चुके हैं, लेकिन अंत में मामला मैनेज कर लिया। 10 माह पहले गर्भवती को मुंहमांगी रकम न मिलने पर अस्पताल से भगा दिया गया था। घटना से जुड़ी खबर छह माह बाद वायरल हुई तो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सीएमओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। जांच में दोषी मिले सर्जन व स्टाफ नर्स पर सीएमओ ने कार्रवाई की संस्तुति की, लेकिन ऊपर से कार्रवाई की जगह स्टाफ नर्स को पदोन्नति दे दी गई। इस मामले की निगरानी अब अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य खुद कर रहे हैं।
प्रशासन को लिखित शिकायत का इंतजार:
जिला संयुक्त चिकित्सालय के प्रभारी सीएमएस डा. एनके वाजपेयी ने बताया कि संबंधित चिकित्सक से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। लिखित शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की जाएगी।