Move to Jagran APP

निजी शिक्षक के सहारे चल रहा राजकीय विद्यालय

संवादसूत्र पचपेड़वा (बलरामपुर) क्षेत्र के विशुनपुर विश्राम गांव में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एकमात्र निजी शिक्षक के सहारे संचालित हो रहा है। कक्षा नौ व दस में थारू जनजाति 53 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है जिन्हें सभी विषय पढ़ाने की जिम्मेदार एक ही शिक्षक पर है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक व शिक्षक की तैनाती में जिम्मेदार अफसर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में थारुओं के उत्थान का नारा यहां छलावा साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 10:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 06:10 AM (IST)
निजी शिक्षक के सहारे चल रहा राजकीय विद्यालय
निजी शिक्षक के सहारे चल रहा राजकीय विद्यालय

बलरामपुर : क्षेत्र के विशुनपुर विश्राम गांव में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एकमात्र निजी शिक्षक के सहारे संचालित हो रहा है। कक्षा नौ व दस में थारू जनजाति 53 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है, जिन्हें सभी विषय पढ़ाने की जिम्मेदार एक ही शिक्षक पर है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक व शिक्षक की तैनाती में जिम्मेदार अफसर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में थारुओं के उत्थान का नारा यहां छलावा साबित हो रहा है।

loksabha election banner

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा नौ में 46 व दस में सात छात्राओं का नामांकन है। स्कूल में कुदरगोड़वा गांव निवासी श्रवण कुमार ने छात्राओं के पठन-पाठक की जिम्मेदारी संभाल रही है। श्रवण का कहना है कि उसने साकेत डिग्री कॉलेज अयोध्या से कंप्यूटर में स्नातक उत्तीर्ण किया है। स्थानीय निवासी होने के कारण वह छात्राओं को पढ़ाने के लिए आता है। ऐसे में छात्राओं को विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिदी, अंग्रेजी समेत अन्य विषय पढ़ाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रधानाचार्य कक्ष में हमेशा ताला लगा रहता है।

छात्राओं का छलका दर्द : छात्रा रीना, सुशीला, नीलम, किशन कुमार, राम कुमार, गौतम कुमार, संध्या व सुनजा का कहना है कि शिक्षकों की तैनाती न होने से सभी विषयों की पढ़ाई में समस्या हो रही है। यूपी बोर्ड परीक्षा की तिथियां घोषित हो चुकी हैं, लेकिन कोर्स अपूर्ण है। ऐसे में परीक्षा की तैयारी सिर्फ गाइड के भरोसे है। प्रधान मंगल प्रसाद थारू व पूर्व प्रधान श्याम नारायण, सुशीला का कहना है कि शिक्षक की तैनाती के लिए विभागीय अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जिम्मेदार के बोल : जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र कनौजिया का कहना है कि शिक्षकों की तैनाती के लिए शासन को कई बार पत्र लिखा गया है। विद्यालय में निजी तौर पर शिक्षक के पढ़ाने की जांच कराई जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर नजदीकी राजकीय विद्यालय के शिक्षक को संबद्ध किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.