तेरी जय हो भवानी..जय जय महारानी
मां कात्यायनी के जयकारों से गूंजे मंदिर मूर्ति स्थापकों को मिली नोटिस
बलरामपुर : शारदीय नवरात्र के छठवें दिन आदिशक्ति के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की गई। शक्तिपीठ देवीपाटन में भोर से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई। सूर्यकुंड में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मां पाटेश्वरी की पूजा-अर्चना की। बिजलेश्वरी देवी मंदिर, झारखंडी समेत जिले भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर मां शक्ति की उपासना की। दुर्गा पूजा पंडालों में मां दुर्गा की आरती उतारी गई। श्रद्धालुओं ने दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ कर मां भगवती की आराधना की। झारखंडी मंदिर के पुजारी लालजी गिरि ने बताया कि नवरात्र के अंतिम दिन होने वाला सामूहिक यज्ञ व कन्या पूजन भोग महामारी को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है।
पंडित बजरंगी प्रसाद बताते हैं कि मां दुर्गा के छठवें स्वरूप का नाम कात्यायनी है। महर्षि कत के पुत्र ऋषि कात्य ने भगवती की उपासना कर उनसे घर में पुत्री रूप में जन्म लेने की प्रार्थना की थी। मां ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली। कात्य गोत्र में ही महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। कुछ काल बाद महिषासुर का अत्याचार बढ़ने पर ब्रह्मा, विष्णु व भोलेनाथ ने अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी। इसलिए यह कात्यायनी के नाम से विख्यात हुईं।
मूर्ति स्थापकों को मिली नोटिस :
-पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा के निर्देशन में सभी मूर्ति स्थापकों व डीजे संचालकों को प्रभारी निरीक्षकों के माध्यम से नोटिस तामीला कराई गई। एसपी ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को फ्लैग मार्च एवं पुलिस विजिट संबंधी विशेष निर्देश दिया गया है। 22 से 24 अक्टूबर तक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थानों पर दिन में दो बार हूटर बजाते हुए फ्लैग मार्च किया जाएगा। मूर्ति स्थापकों, डीजे संचालकों एवं अराजक तत्वों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराकर निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।