लाखों खर्च फिर भी किसानों को नहीं मिला पानी
विद्युत उपकेंद्र बेलभरिया के तहत चौधरीडीह फीडर से निकली लाइन के तार पुराने व जर्जर हो गए हैं। हवा चलते ही तार टूटकर गिर जाते हैं। ऐसे में 20 गांवों में कई दिनों तक बिजली गुल रहती है। बिजली आपूर्ति बाधित होने पर उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जगदंबा प्रसाद मोहन लाल श्याम कुमार व अवधेश का कहना है कि चौधरीडीह फीडर से निकली 11 हजार विद्युत लाइन करीब 40 साल पुरानी है। यही नहीं गांवों में लगे अधिकांश विद्युत पोल एक तरफ झुक गया है।
बलरामपुर :
राप्ती नदी के पानी से फसलों की सिचाई के लिए मिर्जापुर गांव के पास लघु राज नहर परियोजना से लिफ्ट कैनाल का निर्माण कराया गया। जिस पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन उसका फायदा किसानों को नहीं मिल सका। नाली निर्माण पर 38 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। जिसका निर्माण भी अधूरा रह गया। विभाग अभी मोटर नहीं लगा सका है। जबकि बजट खर्च कर दिया गया है। बाराबंकी जिले के सिचाई विभाग लघु राज नहर से संचालित होने वाली लिफ्ट कैनाल के बारे में अधिकांश किसानों को जानकारी ही नहीं है। राप्ती नदी से सिचाई के लिए सरकार ने लिफ्ट कैनाल के निर्माण को मंजूरी दी। छेदी लाल, राधेश्याम, गोली का कहना है कि मिर्जापुर, सिसई, कटराशंकर नगर, सायडीह, हृदयनगर प्रथम व द्वितीय में छह राजकीय लिफ्ट कैनाल का निर्माण कराया गया। 35 वर्ष पूर्व शुरू हुई परियोजना देखरेख के अभाव में निष्प्रयोज्य हो गई। इसी बीच नदी की धारा भी बदल गई। जहां से पानी खेतों में पहुंचाना मुश्किल हो गया। उन लोगों ने सरकार तक अपनी बात को पहुंचाया तो अधिकारी हरकत में आए। बाराबंकी जिले से अधिकारियों की टीम गांव में पहुंची। स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया। जहां 56 लाख के सापेक्ष 38 लाख रुपये मंजूर हुए।
राप्ती नदी के किनारे नए सिरे से फाउंडेशन का निर्माण कराया गया। बोरिग कराई गई। 1100 मीटर अंडर ग्राउंड पाइप बिछाया गया। पांच कुलाबों का निर्माण करवाया गया। पंप व मोटर नहीं लग सका। जिससे वह शोपीस साबित हो रहे हैं। अवर अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि विद्युत मोटर व पंप शीघ्र मिल जाएगा। रसूलाबाद, मिर्जापुर के लिए बजट नहीं मिल सका है।